'यूपी चुनाव में हिंदुत्ववाद को भुनाने के लिए आधे-अधूरे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन कर दिया मोदी ने'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही वाराणसी में आज शिव दिवाली भी मनाई जाएगी। लेकिन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम पूरा हो गया था? क्या पुराणों में शिव दिवाली मनाने का कहीं कोई वर्णन है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही वाराणसी में आज शिव दिवाली भी मनाई जाएगी। लेकिन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम पूरा हो गया था? क्या पुराणों में शिव दिवाली मनाने का कहीं कोई वर्णन है? इसका जवाब देते हुए कांग्रेस नेता अजय राय कहते हैं कि कॉरिडोर का काम आधा-अधूरा हुआ है और शिव दिवाली तो हिंदू परंपरा के विरुद्ध है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का बहुत सा काम अभी तक अधूरा है। लेकिन आने वाले विधानसभा चुनावों में इसे भुनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके उद्घाटन का फैसला कर लिया। मकसद साफ है कि इससे ध्रुवीकरण होगा और चुनावों में इसका लाभ उठाया जाएगा।
कांग्रेस नेता अजय राय वाराणसी में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “कॉरिडोर का अभी काम ही अधूरा नहीं है, तमाम जगह मरम्मत होनी है, जगह-जगह मलबा पड़ा है, घाटों का सौंदर्यीकरण बाकी है, लेकिन फिर भी उद्घाटन हो रहा है क्योंकि बीजेपी, मोदी और योगी का यही तो हिंदुत्ववाद है।”
2014 और 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय राय कहते हैं, मोदी और बीजेपी-आरएसएस ने हिंदू परंपरा को ही उलट-पलट दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को जयपुर में हुई कांग्रेस की महंगाई विरोधी महारैली में हिंदू और हिंदुत्ववादी के अंतर को स्पष्ट रूप से सामने रखा था।
अजय राय ने बीजेपी द्वारा शिव दिवाली मनाए जाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हिंदू पुराणों में सिर्फ दो ही दिवाली मनाए जाने का वर्णन है। एक ही मुख्य दिवाली जिसे सभी हिंदू मनाते हैं और दूसरी है देव दिवाली जो वाराणसी में भगवान शिव के अनुयाइयों द्वारा कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है।” हिंदू पुराणों के मुताबिक देव दिवाली के दिन देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा पर दक्षिणी छोर के रविदास घाट से लेकर राजघाट तक गंगा के सम्मान में लाखों मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं
तो क्या बीजेपी भगवान शिव को हिंदुओं का भगवान नहीं मानती है। इसके जवाब में अजय राय कहते हैं, “बीजेपी-आरएसएस की नीति और मानसिकता ही भेद करने और विभाजन करने की है...उन्होंने अपने राजनीतिक हित के लिए जिस तरह समाज को बांटा है उसी तरह हिंदू देवताओं तक को विभादित कर दिया है।उनका मकसद सिर्फ एक ही है और वह है उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता हासिल करना।”
अजय राय आगे कहते हैं, “बीजेपी की जमीन खिसक रही है। उन्हें एहसास हो गया है कि वे चुनाव हारने वाले हैं। इसीलिए वे हर तरह के हथकंडे अपना रहे और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर धार्मिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।”
मोदी के वाराणसी दौरे से पहले सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद किए जाने पर अजय राय ने कहा कि यह तो अब आम दस्तूर बन गया है। उन्होंने कहा कि, “जब भी मोदी वाराणसी आते हैं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जाता है या घरों में नजरबंद कर दिया जाता है।”
पिछली बार अक्टूबर में जब मोदी वाराणसी आए थे तो उस समय हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ता और किसानों को हिरासत में ले लिया गया था। अजय राय ने कहा कि, “मैं अभी तक आजा हूं, लेकिन सिर्फ बाबा विश्वनाथ ही जानते हैं कि आगे क्या होने वाला है।”
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