मोदी ने भी रामनाथ कोविंद को दी थी संविधान की ‘लाल किताब’, अब ‘शहरी नक्सलवाद’ से कर रहे तुलना, खड़गे ने खोली पोल

खड़गे ने संविधान की लाल किताब भी दिखाई और कहा कि इसके पन्ने कोरे नहीं हैं जैसा कि मोदी और बीजेपी के लोग बता रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका प्राथमिक विद्यालय में फिर से दाखिला कराना जरूरी है।

मोदी ने भी रामनाथ कोविंद को दी थी संविधान की ‘लाल किताब’, अब ‘शहरी नक्सलवाद’ से कर रहे तुलना, खड़गे ने खोली पोल
मोदी ने भी रामनाथ कोविंद को दी थी संविधान की ‘लाल किताब’, अब ‘शहरी नक्सलवाद’ से कर रहे तुलना, खड़गे ने खोली पोल
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान की ‘‘लाल किताब’’ की तुलना ‘‘शहरी नक्सलवाद’’ से करने के लिए नरेन्द्र मोदी और बीजेपी पर रविवार को करारा हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसी तरह की संविधान की प्रति दी थी।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) का घोषणापत्र जारी करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खड़गे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की जाति जनगणना कराने की मांग लोगों को बांटने के लिए नहीं बल्कि यह समझने के लिए है कि विभिन्न समुदायों की वर्तमान स्थिति कैसी है ताकि उन्हें और लाभ मिल सके।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में ‘‘लाल किताब’’ दिखाकर ‘‘शहरी नक्सलियों और अराजकतावादियों’’ का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में संविधान के संक्षिप्त संस्करण की लाल कवर वाली पुस्तक की प्रति दिखाते रहे हैं।


खड़गे ने कहा कि लाल किताब का इस्तेमाल केवल संदर्भ के लिए किया गया है और यह पूरा संविधान नहीं है। उन्होंने मोदी और कोविंद की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि नरेन्द्र मोदी ने भी 26 जुलाई 2017 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ऐसी ही एक प्रति दी थी।’’ खड़गे ने संविधान की लाल किताब भी दिखाई और कहा कि इसके कोरे पन्ने नहीं है जैसा कि मोदी और बीजेपी के लोग बता रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उनका प्राथमिक विद्यालय में फिर से दाखिला कराना जरूरी है।’’ उन्होंने एमवीए के घोषणापत्र को समावेशी और सहभागिता आधारित बताया। खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए सत्तारूढ़ महायुति को हराना और स्थिरता एवं सुशासन के लिए एमवीए का समर्थन करना महत्वपूर्ण है।

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