पर्यटन क्षेत्र में यूपीए सरकार की उपलब्धियों का भी श्रेय लेने के चक्कर में मोदी सरकार
वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन क्षेत्र में 136 देशों में भारत 40वें स्थान पर है। भारत में पर्यटकों की संख्या 15 वर्षों से लगातार बढ़ रही है, जो 2015 तक 80 लाख का आंकड़ा पार कर गया।
वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की रिपोर्ट ‘द ट्रेवल एंड टूरिज्म कंपिटीटिव रिपोर्ट 2017’ के अनुसार कुल 136 देशों में पर्यटन के संदर्भ में भारत 40वें स्थान पर है। इससे पहले साल 2015 की रिपोर्ट में 141 देशों में भारत 52वें स्थान पर था। रिपोर्ट के आते ही तत्कालीन पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व, दूरदृष्टि और सहयोग से ही यह संभव हो पाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि सरकार पर्यटन को कितना महत्व देती है। पर, शायद इन लोगों ने पूरी रिपोर्ट को पढ़ना जरूरी नहीं समझा।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत में पर्यटकों की संख्या पिछले 15 वर्षों से लगातार बढ़ रही है, जो वर्ष 2015 तक 80 लाख का आंकड़ा पार कर गया। अंतराष्ट्रीय पर्यटकों को यहां की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत आकर्षित करती है और यहां घूमना बहुत मंहगा नहीं है।’ जाहिर है, पिछले पंद्रह वर्षों से मोदी जी की ही सरकार नहीं रही है।
मोदी जी पर्यटन की प्राथमिकता पर चर्चा कर रहे थे, तो इसके आंकड़े भी रिपोर्ट में उपलब्ध हैं। पर्यटन की प्राथमिकता के संदर्भ में 136 देशों में भारत 104वें स्थान पर है और इस विषय पर सरकारी व्यय के मामले में हम 125वें स्थान पर हैं। इसी तरह रिपोर्ट के अनुसार, कुल टैक्स दर में 123वें, व्यापार शुरू कर पाने की समयसीमा में 110वें और निर्माण के अनुमोदन के व्यय में 134वें स्थान पर हैं। सिक्यूरिटी में हम 114वें और स्वास्थ्य के संदर्भ में 104वें स्थान पर हैं।
मानव संसाधन में हम 87वें स्थान पर और कार्यस्थल पर महिलाओं की भागीदारी में तो 128वें स्थान पर हैं। वायु परिवहन ढांचा में जरूर हम 32वें स्थान पर हैं, पर हवाईअड्डों के घनत्व में 133वें और गुणवत्ता के संदर्भ में 63वें स्थान तक पंहुच जाते हैं।
भ्रमण और पर्यटन इंडक्स में सबसे ऊपर के पांच देश क्रमशः स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इंग्लैंड हैं। सबसे अंतिम सिरे पर क्रमशः मारिटोनिया, कांगो, बुरुंडी, चाड और यमन हैं। हाल के वर्षों में पर्यटन के संदर्भ में तेजी से तरक्की करने वाले देशों में प्रमुख हैं - जापान (4), कोरिया (19), भारत (40), वियतनाम (67) और भूटान (78)। चीन 15वें, मलेशिया 26वें और ताइवान 30वें स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में सबसे खराब हालत में हम पर्यावरण के संदर्भ में हैं, जहां हम 136 देशों में 134वें स्थान पर हैं। हमसे नीचे केवल कुवैत और यमन हैं। पर्टिकुलेट मैटर, जिसकी चर्चा वायु प्रदूषण के समय विस्तार से की जाती है, में तो हमारा स्थान 135वां है। इसी तरह वन्यजीव में 115वें और प्राकृतिक संसाधनों के आकर्षण में 113वें स्थान पर हैं।
पर्यटकों के लिये सुविधा में 110वें स्थान पर हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में गर्व कर सकने लायक कुछ भी नहीं है और न ही कोई भी आंकड़ा यह बताता है कि सरकार द्वारा पर्यटन को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है।
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