मोदी सरकार को भारत में मिले नए वेरिएंट के नाम पर आपत्ति, सोशल मीडिया से संबंधित कंटेंट हटाने को कहा
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि 'भारतीय कोविड वैरिएंट' से संबंधित खबरें पूरी तरह से गलत हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी अपनी किसी रिपोर्ट में 'भारतीय कोविड वैरिएंट' शब्द को कोरोना वायरस के किसी वैरिएंट के साथ नहीं जोड़ा है।
केंद्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से उन सभी कंटेंट को तुरंत हटाने के लिए कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के भारत में मिले नए वेरिएंट को 'भारतीय कोविड वैरिएंट' कहकर जिक्र किया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एक एडवाइजरी में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि यह फर्जी खबरों, प्लेटफॉर्म पर कोरोना वायरस से संबंधित गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पहले की सलाह के अनुरूप है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि यह उसके संज्ञान में आया है कि एक झूठा बयान ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा है, जिसका अर्थ है कि कोरोना वायरस का एक 'भारतीय कोविड वैरिएंट' पूरे देश में फैल रहा है। मंत्रालय ने कहा, "यह पूरी तरह से गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा वैज्ञानिक रूप से कहे जाने वाले कोविड-19 का ऐसा कोई संस्करण नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में 'भारतीय कोविड वैरिएंट' शब्द को कोरोना वायरस के बी 1617 वैरिएंट के साथ नहीं जोड़ा है।"
भारत में मिले कोरोना वायरस के बी 1617 वैरिएंट को भारतीय वैरिएंट कहे जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले ही 12 मई को स्पष्ट किया जा चुका है और अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उन सभी सामग्रियों को हटाने के लिए कहा गया है जो कोविड के 'भारतीय कोविड वैरिएंट' को संदर्भित करती हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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Published: 22 May 2021, 3:49 PM