भगोड़े संदेसरा बंधुओं से कच्चा तेल खरीद रही है मोदी सरकार, देश को 15 हजार करोड़ का चूना लगाने का है आरोपः कांग्रेस
आरोप है कि संदेसरा बंधुओं ने भारत में तेल व्यापार बढ़ाने के लिए 6 फर्मों का गठन किया है। दिलचस्प बात है कि इन सभी कंपनियों का गठन नवंबर 2017 और अप्रैल 2018 के बीच हुआ था और इनमें से किसी की भी जांच ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने नहीं की है।
कांग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार पर सरकारी तेल कंपनियों के जरिये भगोड़े संदेसरा बंधुओं से कच्चा तेल खरीदे जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2017 में मामला दर्ज किये जाने से ठीक पहले संदेसरा बंधु देश छोड़ भाग गए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश को 15 हजार करोड़ का चूना लगाकर भागने वाले संदेसरा बंधुओं से सरकार ने 2018 से 2020 तक 5 हजार करोड़ का क्रूड ऑयल खरीदा है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, अक्टूबर 2017 को ईडी ने स्टर्लिंग बायोटेक और उसके प्रमोटरों संदेसरा बंधुओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। बावजूद इसके 15 हजार करोड़ का चूना लगाने वाले संदेसरा (चार लोग नितिन, चेतन, दीप्ती और हितेन भाई) सरकार को कच्चा तेल बेच रहे हैं। कोर्ट ने इनको आर्थिक अपराध के भगोड़े 2020 में ही घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2018 से 2020 तक इनकी कंपनी से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन लिमिटेड ने इनसे 5 हजार करोड़ का क्रूड ऑयल खरीदा है।
उन्होंने दावा किया कि नाइजीरिया से संदेसरा बंधू कंपनी स्टर्लिंग ऑयल एक्सप्लोरेशन एंड एनर्जी प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (सीपको) के जरिये कच्चा तेल भेज रहे हैं और भारत सरकार उसे खरीद रही है। कच्चे तेल की अगली खेप 1 नवंबर को पाराद्विप पोर्ट पहुंच रही है। संदेसरा बंधू सीपको कंपनी नाइजीरिया से चला रहे हैं। सितंबर 2020 में, एक विशेष अदालत ने ईडी के अनुरोध पर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, उनकी पत्नी दीप्ति और एक हितेश कुमार नरेंद्रभाई पटेल को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है।
गौरव बल्लभ ने आरोप लगाया कि 5,701.83 करोड़ रुपये कीमत का कच्चा तेल सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा संदेसरा समूह की कंपनी से खरीदे गए। जहां भारत के नागरिक डीजल, पेट्रोल और एलपीजी जैसी सभी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों से जूझ रहे हैं, वहीं मोदी सरकार देश से दूर इनका विकास कर रही है।
उन्होंने कहा कि हाल के पेंडोरा कागजात से पता चला है कि संदेसरा बंधुओं ने भारत में तेल व्यापार बढ़ाने के लिए 6 अपतटीय फर्मों का गठन किया है। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी कंपनियों का गठन नवंबर 2017 और अप्रैल 2018 के बीच हुआ था। (जिस समय ईडी ने अक्टूबर 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था) और इनमें से किसी की भी जांच ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने नहीं की है।
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