मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड से रिश्वतखोरी को दिया कानूनी कवर, काले धन को सफेद में बदलने का खेल जारी: चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांस में राफेल सौदे की जांच चल रही है। गृह मंत्री का कहना है कि पिछले 7 साल में सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। नोटबंदी कुछ लोगों को काले धन को कानूनी रूप से सफेद करने की अनुमति देने की एक योजना थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर रिश्वतखोरी को कानूनी कवर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने काले धन को सफेद में बदलने की अनुमति देने की नीति बनाई है और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये कॉरपोरेट्स द्वारा 95 फीसदी फंड बीजेपी को दान किया गया है।
चिदंबरम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लगातार कह रहे हैं कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त है, लेकिन यह गलत है। चिदंबरम ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड ने रिश्वतखोरी को कानूनी कवर दिया और 95 फीसदी फंड कॉरपोरेट्स द्वारा बीजेपी को 'दान' किया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांस में राफेल सौदे की जांच चल रही है। गृह मंत्री का कहना है कि पिछले सात वर्षों में सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। विमुद्रीकरण कुछ लोगों को काले धन को कानूनी रूप से सफेद धन में बदलने की अनुमति देने की एक योजना थी।
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा था कि पिछले सात वर्ष में भ्रष्टाचार का एक भी उदाहरण नहीं रहा है। बीजेपी ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है। हमने कई फैसले लिए और उसमें एक या दो गलत हो सकते हैं। लेकिन कोई भी, यहां तक कि आलोचक भी यह कह नहीं सकते कि हमारी नीयत में खोट है। चिदंबरम ने आज शाह के इसी बयान पर पलटवार किया।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी नोटबंदी, जीएसटी और इलेक्टोरल बॉन्ड जैसी तमाम योजनाओं को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधती रही है। कांग्रेस लगातार राफेल सौदे के मुद्दे पर भी बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है।
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