अडानी मुद्दे पर सड़क से संसद तक घिरी मोदी सरकार, देशभर में कांग्रेस का हल्ला बोल, JPC गठन की मांग
अडानी संकट पर मोदी सरकार चौतरफा घिर गई है। एक तरफ उसे संसद में विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अब कांग्रेस पार्टी ने सड़क पर भी मोर्चा खोल दिया है। देशभर में आज इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के नेता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अडानी संकट पर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिर गई है। एक तरफ जहां संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार को घेर रह हैं और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सड़क पर भी मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आज देशभर में सड़क पर उतरे हैं और जगह-जगह एसबीआई की साखाओं के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर अडानी विवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस बैरिकेडिंग कर रोक लिया।
दिल्ली में कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई ने शास्त्री भवन एसबीआई ब्रांच के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान यहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने एनएसयूआई सदस्यों को हिरासत में ले लिया और अपने साथ थाने ले गई।
देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस पर्टी के नेता और कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मुंबई में एसबीआई कार्यालय के बाहर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां से भी तस्वीरें सामने आई हैं।
अडानी विवाद को लेकर हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और एसबीआई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में जेपीसी गठन की मांग की।
वहीं, इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर में भी प्रदर्शन देखने को मिला। कांग्रेस पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस की मांग क्या है?
कांग्रेस का कहना है अडानी समूह के संकट में आने से इसका सीधा असर देश के उन लोगों पर पड़ा जिनका पैसा अडानी समूह में लगाया गया। कांग्रेस का कहना है कि एलआईसी और एसबीआई का पैसा अडानी समूह में लगाया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के शेयर औंधे मुंह गिर गए। अब तक अडानी समूह के शेयर में करीब 60 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में जो पैसा SBI और LIC से लेकर अडानी समूह में लगाया गया वह डूब गया। कांग्रेस के मुताबिक, अडानी समूह के संकट में आने से देश की आम जनता को नुकसान हुआ।
कांग्रेस की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराए। साथ ही इस पर एक जेपीसी का गठन करे ताकि मामले की जांच हो सके। लेकिन सरकार, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की इन मागों पर तैयार नहीं है। यही वजह है कि 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद से एक दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई है। विपक्ष के हंगामे के चलते लगातार संदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ रहा है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या है?
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े। इसी रिपोर्ट के आने के बाद शेयर बाजार में भूचाल आ गया और देखते ही देखते अडानी ग्रुप के शेयर अब तक करीब 60 फीसदी तक गिर गए हैं।
अडानी संकट पर दिल्ली में युवा कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
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Published: 06 Feb 2023, 1:05 PM