'सस्ती गैस, पेट्रोल-डीज़ल देने में हिचकिचाने वाली मोदी सरकार ने जी-20 पर खर्च कर दिए बजट से 300% ज्यादा पैसे'
मोदी सरकार ने जी-20 शिखर सम्मेलन पर 990 करोड़ के बजट के विपरीत सम्मेलन पर 41,00 करोड़ खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को महंगाई से राहत देने में हिचकिचा रही है, लेकिन सिर्फ सौंदर्यीकरण अभियान पर पैसे लुटा रही है।
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 4,100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि इसके लिए बजट में 990 करोड़ रुपए का प्रावधान था। इसके साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के सौंदर्यीकरण अभियान से देश भर में फैली आर्थिक गड़बड़ी को नहीं छिपाया जा सकता।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, “जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आवंटित बजट 990 करोड़ रुपये था। बीजेपी सरकार ने 4,100 करोड़ रुपये खर्च किये। कोविड-19 महामारी के बाद से दुनिया भर की सरकारें सार्वजनिक कार्यक्रमों पर कम खर्च कर रही हैं। इंडोनेशिया ने बाली शिखर सम्मेलन के लिए भारत से 10 प्रतिशत से भी कम यानी मात्र 364 करोड़ रुपये खर्च किए।''
उन्होंने कहा कि, "यह सरकार जो सस्ती एलपीजी या पेट्रोल/डीज़ल सुनिश्चित नहीं कर सकती, फसल की बर्बादी का सामना करने वाले किसानों को मुआवजा नहीं दे सकती, बाढ़ से तबाह हिमाचल प्रदेश के लिए पर्याप्त धन नहीं दे सकती, उसने अपने छवि-निर्माण के लिए बजट से अधिक खर्च किया है।"
उन्होंने कहा, “सौंदर्यीकरण के अभियान इस सरकार द्वारा पूरे देश में फैलाई गई आर्थिक विषमता को छिपा नहीं सकते। हमें यह जानने के लिए भारत मंडपम को देखना ही काफी होगा, जहां पानी भर गया था। आप देख रहे हैं कि कैसे जनता का पैसा बर्बाद हो गया।''
भारत मंडपम् में पानी भरने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिस पर बाद में पीआईबी फैक्ट चेक ने पहले कहा था कि दावा भ्रामक है और जलभराव को जल्द ही साफ कर दिया गया था।
बता दें कि जी-20 शिखर सम्मलेन रविवार को खत्म हुआ है। इस सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने की घोषणा की गई। अगला जी-20 शिखर सम्मेलन ब्राज़ील में होगा।
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