"मोदी सरकार अब पर्दे के पीछे नहीं छुप सकती", विपक्ष ने अडानी मामले को लेकर प्रधानमंत्री को घेरा, उठाई जेपीसी की मांग

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी अभियोजकों के कदम से मुख्य विपक्षी दल की यह मांग सही साबित होती है कि इस कारोबारी समूह से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।

विपक्ष ने अडानी मामले को लेकर प्रधानमंत्री को घेरा
विपक्ष ने अडानी मामले को लेकर प्रधानमंत्री को घेरा
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नवजीवन डेस्क

विपक्षी दलों ने उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि अडानी को तत्काल गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए।

अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सौर उर्जा अनुबंध हासिल किए। इस कथित योजना के तहत 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।

अडानी समूह ने कहा है कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोप निराधार हैं, समूह द्वारा सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।

इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि अडानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि गौतम अडानी की गिरफ्तारी नहीं होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी तथा अडानी ‘एक’ हैं और इसीलिए दोनों ‘सेफ’ हैं।


राहुल गांधी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष के रूप में वह और पूरा विपक्ष अडानी से जुड़े मामले को उठाएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच को उनके पद से तत्काल हटाकर जांच शुरू होनी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जब एक शीर्ष रैंकिंग वाले भारतीय व्यवसायी को किसी विदेशी देश द्वारा अभ्यारोपित किया जाता है, तो यह वैश्विक मंच पर हमारी छवि को खराब करता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार ऐसे अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं का विरोध करती रही है, जो प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार बनाने और अनुचित लाभ देकर कुछ लोगों के हाथों में धन केंद्रित करने की मोदी सरकार की नीति को लागू करके कुछ व्यक्तियों की मुनाफाखोरी और बढ़ावा देते हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अडानी द्वारा बनाए गए पूंजीपतियों, समझौतावादी नौकरशाहों और कुछ राजनेताओं से जुड़े इस पूरे गठजोड़ की जांच की जानी चाहिए और इसे नष्ट किया जाना चाहिए।


खड़गे ने दावा किया, ‘‘यह गठजोड़ हमारे लोगों, गरीबों और मध्यम वर्ग, महत्वाकांक्षी उद्यमियों, एमएसएमई, स्टार्टअप और करोड़ों छोटे और मध्यम खुदरा निवेशकों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि यह बचत और अवसरों को छीनकर असमानताओं को बढ़ाता है।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी अभियोजकों के कदम से मुख्य विपक्षी दल की यह मांग सही साबित होती है कि इस कारोबारी समूह से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।

रमेश ने यह भी कहा कि तत्काल जेपीसी का गठन होना चाहिए।


तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘अमेरिका द्वारा अडानी समूह और गौतम अडानी पर लगाया गया आरोप बेहद गंभीर है। गौतम अडानी एक उद्योगपति हैं जिनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बहुत करीबी संबंध हैं। विपक्षी लगातार अडानी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। सभी आरोपों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि जेपीसी एकमात्र संस्था है जो इस स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर सकती हैं।

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, ‘‘यह अब इतना गंभीर हो गया है कि देश की एजेंसियां ​​और प्रभावशाली लोग इस मामले पर पर्दा डालने की लाख कोशिश कर लें, यह बेनकाब हो जाएगा। यह भारत की प्रतिष्ठा का भी मामला है। जब विपक्षी नेता इस मुद्दे को सदन में उठाते हैं तो हमारे भाजपाई मित्र अडानी के प्रवक्ता के रूप में सामने आते हैं।’’


नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को अडानी के खिलाफ आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए और मामले की गहन जांच करनी चाहिए।

अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें अडानी समूह से जुड़े मुद्दे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन पर पहले भी गलत काम करने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए।’’

अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जेपीसी की मांग हो रही है। मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और इसकी गहन जांच करेगी।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ‘‘अब पर्दे के पीछे नहीं छुप सकती’’ और अडानी के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

सीपीएम ने एक बयान में कहा कि गौतम अडानी और छह अन्य के खिलाफ संयुक्त राज्य की अदालत में दायर अभियोग में उद्योगपति और उनके भतीजे सागर अडानी पर केंद्र और राज्यों में भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल होने के गंभीर आरोप शामिल हैं।


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘अगर यह सच है, तो यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। अब प्रधानमंत्री मोदी को भारत के लोगों को जवाब देना होगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी मामले में सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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