देश में ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर बैन, दोषी पाए जाने पर जुर्माने के साथ इतने साल की हो सकती है जेल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पहली बार दोषी पाए जाने पर 1 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनों हो सकती है। वहीं दूसरी बार या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने वाले दोषी पर 5 लाख तक जुर्माना या 3 साल की कैद या दोनों हो सकती है।
केंद्र सरकार ने देश में ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया है। सरकार के इस फैसले के साथ ही देश में ई-सिगरेट को बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लग गया है। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि ई-सिगरेट के साथ ई-हुक्का पर भी बैन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि पहली बार दोषी को 1 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनों हो सकती है। वहीं दूसरी बार या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने वाले दोषी पर 5 लाख तक जुर्माना या 3 साल की कैद या दोनों हो सकती है।
गौरतलब है कि काफी पहले से यह खबरें आ रही थीं कि सरकार ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर बैन लगा सकती है। दिल्ली के व्यापारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार के इस कदम का विरोध किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि बैन लगाने से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, गुजरात टोबैको मर्चेन्ट्स एसोसिएशन और गुजरात टोबैको ग्रोवर्स एंड मर्चेंट्स एसोसिएशन ने भी सरकार से ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर बैन लगाने की मांग की थी।
ई-सिगरेट क्या होती है:
ई-सिगरेट तंबाकू की जगह पर तरल रसायनों को गर्म किया जाता है, जिसके धुएं को पीने वाला अंदर खींचता है। यही वजह है कि ई-सिगरेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य कारणों से ई-सिगरेट समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलिवरी सिस्टम्स के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
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