नौकरशाही में 'लैटरल एंट्री' को लेकर हमलावर विपक्ष, खड़गे बोले- संविधान को तार-तार कर किया डबल वार
नौकरशाही में लैटरल एंट्री को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष ने इसे आरक्षण से जोड़ते हुए कहा है कि सरकार ने डबल वार किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र पर निशाना साधा है।
यूपीएससी ने केंद्र सरकार की नौकरशाही में लैटरल एंट्री के जरिए नियुक्तियों का विज्ञापन निकाला है। इसे लेकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे आरक्षण से भी जोड़ा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी संविधान को तार-तार करते हुए आरक्षण पर डबल वार कर रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट लिखी. जिसमें उन्होंने कहा कि पहला, आज मोदी सरकार ने केंद्र में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के कम से कम 45 पद सीधी भर्ती के भरने का विज्ञापन निकाला है। खड़गे ने कहा कि क्या इसमें एससी, एसटी, ओबीसी, और ईडब्लूएस आरक्षण है?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सोची समझी साज़िश के तहत भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसे भर्ती कर रही है, ताकि आरक्षण से SC, ST, OBC वर्गों को दूर रखा जा सके। दूसरा, यूपी में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण घोटाले का अब हाई कोर्ट के फ़ैसले से पर्दाफ़ाश हो चुका है। श्री राहुल गांधी ने मार्च 2024 में दलित और पिछड़े वर्ग में आरक्षण घोटाले में प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर वंचित अभ्यर्थियों की आवाज़ उठाई थी। योगी सरकार ने अभ्यर्थियों से नाइंसाफ़ी करते हुए ये पद भरे थे, जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग का आरक्षण का संवैधानिक हक़ उनसे छीना गया।
उन्होंने आगे कहा कि अब हमें पता चला की भाजपा की सहयोगी दल की केंद्रीय मंत्री ने नौकरियों में आरक्षण पर हो रहे धांधली पर सरकार का ध्यान क्यों आकृष्ट कराया था। भारत के संविधान में निहित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करना आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी इसीलिए सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रही है।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक विज्ञापन शेयर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा घिनौना मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है, यह विज्ञापन उसकी एक छोटी सी बानगी है। उन्होंने कहा कि 𝐔𝐏𝐒𝐂 ने लैटरल एंट्री के ज़रिए सीधे 𝟒𝟓 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर 𝐔𝐏𝐒𝐂 सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से 𝟒𝟓 𝐈𝐀𝐒 की नियुक्ति करती तो उसे 𝐒𝐂/𝐒𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 को आरक्षण देना पड़ता यानि 𝟒𝟓 में से 𝟐𝟐-𝟐𝟑 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते।
तेजस्वी यादवने ने आगे कहा कि मोदी सरकार बहुत ही व्यवस्थित, पद्धतिबद्ध, योजनाबद्ध और शातिराना तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है। विगत चुनाव में प्रधानमंत्री समेत बिहार में उनकी पिछलग्गू पार्टियाँ और उनके नेता छाती पीट-पीटकर दावा करते थे कि आरक्षण को समाप्त कर कोई उनका हक-अधिकार नहीं खा सकता लेकिन उनकी आँखों के सामने, उनके समर्थन व सहयोग के बल पर वंचित, उपेक्षित और गरीब वर्गों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है तथा कथित स्वयंभू 𝐎𝐁𝐂 𝐏𝐌 समेत उनके साथ यूपी-बिहार-झारखंड के 𝐒𝐂/𝐒𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 नेता दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ताली पीट ठहाके लगा रहे है।
देश की 𝟗𝟎 फ़ीसदी आबादी का हक़ खाने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। जागो “दलित-पिछड़ा-आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग” जागो! हिंदू के नाम पर ये आपका हक़ खा रहे है तथा आपके अधिकारों की बंदरबांट कर रहे है।
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