बजट 2019: चुनावी साल में मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश, 5 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स फ्री
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। जैसा कि अनुमान था चुनावी साल होने की वजह से मोदी सरकार मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश करेगी, वैसे ही देखने को भी मिला। बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में आखिरी बजट पेश कर दिया गया है। चुनावी साल होने की वजह से मोदी सरकार ने बजट में जुमलों की बौछार कर दी है। हालांकि आम जनता को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर बड़ा तोहफा दिया है। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने लोगों को लुभाने की कोशिश करते हुए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। अब पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। और निवेश करने पर 6.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। बता दें कि इससे पहले टैक्स फ्री आमदनी की सीमा 2.5 लाख रुपए सालाना थी।
वैसे इस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद सिर्फ 2014 में इनकम टैक्स की दरों में बदलाव किया था और टैक्स फ्री आमदनी की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख प्रति वर्ष की थी। इसके बाद के चार बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
लेकिन अब सरकार ने सीधे मध्यवर्ग और नौकरीपेशा लोगों को चुनावी तोहफा देने का कदम उठाया है। लेकिन वित्त मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि आयकर की नई दरें मौजूदा वित्त वर्ष में नहीं बल्कि अगले वित्त वर्ष से लागू होंगी। यानी इस साल इनकम टैक्स में कोई फायदा नहीं होगा।
बजट की बड़ी बातें:
- 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
- निवेश करने पर 6.5 लाख रुपए तक की आमदनी करमुक्त होगी
- 1.5 लाख तक निवेश करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
- स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया
- टैक्स में छूट से मध्यम वर्ग के 3 करोड़ लोगों को फायदा
- महिलाओं को बैंक में 40 हजार तक के ब्याज पर नहीं लगेगा टैक्स
- एफडी के ब्याज पर 40 हजार तक टैक्स नहीं लगेगा
इस दौरान पीयूष गोयल ने कह, “हमने टैक्सपेयर्स के लिए, टैक्स फाइलिंग को आसान बनाया, टैक्स कलेक्शन बढ़कर 12 लाख करोड़ हुआ। 24 घंटे में आईटी रिटर्न की प्रोसेसिंग और टैक्स मूल्यांकन के लिए दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। मैं ईमानदार करदाताओं को धन्यवाद देता हूं।”
मौजूदा स्थिति की बात करें तो 2.5 लाख रुपये की आय को निजी आयकर से छूट मिलती है, जबकि 2.5 से 5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है। जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट है।
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