निर्भया पर योगी सरकार के अधिकारी की संवेदनहीनता, गांव में दादा से कहा- उसे दिल्ली क्यों भेजा, यहीं रखते
दिल्ली में साल 2012 में हुए गैंगरेप और हत्या कांड की पीड़िता निर्भया के उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित पैतृक गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली के खिलाफ धरना दे रहे उसके परिजनों के साथ जिले के सीएमओ द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया है। सीएमओ ने इस दौरान निर्भया पर अभद्र टिप्पणी भी की।
पूरे देश समेत दुनिया को दहला देने वाले दिसंबर 2012 के निर्भया कांड के आरोपियों की फांसी पर जारी संशय को लेकर इस समय पूरे देश में चर्चा हो रही है। हर कोई निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए उसके गुनाहगारों को जल्द से जल्द सजा देना चाहता है। लोगों की संवेदनाएं निर्भया के मां-बाप के साथ हैं। लेकिन दिल्ली के बाहर निकलते ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जैसे सारी संवेदनाएं मरती दिख रही हैं। प्रदेश के बलिया जिले में एक सरकारी अधिकारी न सिर्फ निर्भया के परिजनों के साथ बदसलूकी करता है, बल्कि निर्भया को लेकर अपशब्द कहता है।
जी हां, ये घटना उत्तर प्रदेश के बलिया में निर्भया के पैतृक गांव की है, जहां मंगलवार को सालों से बदहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की बदहाली के खिलाफ गांव के लोग धरना दे रहे थे। इस धरने में निर्भया के दादा और अन्य परिजन भी शामिल थे। धरने की खबर सुनकर जिले के सीएमओ पीके मिश्रा जब गांव पहुंचे, तो उन्होंने समस्या हल करने की बजाय गांव वालों पर ही जुबानी कटाक्ष शुरू कर दिया। इस दौरान सीएमओ ने निर्भया पर अभद्र टिप्पणी करते हुए निर्भया के दादा से यहां तक कह दिया, “इतनी ही दिक्कत थी तो उसे दिल्ली क्यों भेज दिया। उसे यहीं रखना चाहिए था।
दरअसल, निर्भया कांड के बाद उसकी याद में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसके पैतृक गांव में उसके नाम पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया था। लेकिन पीएचसी के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक वहां कोई भी डॉक्टर नहीं होने से गांव वालों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं वजहों से निर्भया के परिजन गांव वालों के साथ धरने पर बैठे थे। जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीएमओ पीके मिश्री ने निर्भया के परिजनों से ही बदसलूकी कर दी। इस दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिस गांव में कोई डॉक्टरी नहीं पढ़ा हो, उस गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं देंगे।
बलिया के सीएमओ डॉ पीके मिश्रा यहीं नहीं रुके, उन्होंने निर्भया को भी अपमानित किया। उन्होंने कहा, "गांव में आज तक तो कोई डॉक्टरी पढ़ा नहीं और डॉक्टर चाहिए। पहले गांव में कोई डॉक्टरी पढ़े, और फिर इसी अस्प्ताल में डॉक्टर बन जाए। गांव ने डॉक्टर बनाया नहीं, तो अस्पताल क्यों खुलवाया। ये अस्पताल हमने नहीं बनवाया है। जिसने बनवाया है, उससे डॉक्टर भी मांग लें।" इतना ही नहीं सीएमओ ने निर्भया का नाम लेकर अपमानित करते हुए कहा, "कौन है निर्भया? अगर वह डॉक्टरी पढ़ रही थी तो दिल्ली क्यों गई?" इस पर पीके मिश्रा को टोकते हुए निर्भया के दादाजी ने कहा कि उनकी पोती को अपमानित न किया जाए।
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