अगर आपके पास हैं पुराने वाहन तो बढ़ सकती हैं मुश्किलें, नए यातायात नियम के बाद मोदी सरकार का ये है नया प्लान!
मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, 15 साल की अवधि के बाद पंजीकृत नहीं किए जाने पर वाहनों को स्वचालित रूप से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। कुछ जानकारों का कहना है कि सरकार की नई पॉलिसी से देश के मंद पड़े ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री को रफ्तार भी मिलेगी।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू नए यातायात नियम की पहेली अभी जनता सुलझा नहीं पाई है कि सरकार की एक और मंशा सामने आ गई है। देश में जिन लोगों के पास पुराने वाहन हैं उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खबरों के मुताबिक, केंद्रीय परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को सड़क से दूर रखने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में पुराने वाहनों के पंजीकरण शुल्क के नवीकरण में कई गुना बढ़ोतरी की बात कही गई है। खबरों में कहा गया है कि सरकार पुराने वानों के लिए 2020 में नियम लागू करेगी। हालांकि कि अभी तक सरकार की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।
परिवहन राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नीति के मुताबिक, पुराने निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रेनुअल के लिए 25 गुना तक फीस ली जा सकती है। फिलहाल यह 600 रुपये है, जिसे बढ़कर 15 हजार रुपये तक किया जा सकता है। चार पहिया कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन के रेनुअल का शुल्क 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया जा सकता है। वहीं मध्यम वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए प्रस्तावित शुल्क, 1,500 से बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।
मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, 15 साल की अवधि के बाद पंजीकृत नहीं किए जाने पर वाहनों को स्वचालित रूप से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। कुछ जानकारों का कहना है कि सरकार की नई पॉलिसी से देश के मंद पड़े ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री को रफ्तार भी मिलेगी, क्योंकि लोग नए वाहनों को खरीदेंगे।
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