माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर में अब 20 भारतीय भाषाओं का सपोर्ट, भोजपुरी, बोडो, डोगरी और कश्मीरी भी हुईं शामिल
ताजा अपडेट के बाद माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर अब हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, भोजपुरी, बोडो, डोगरी और कश्मीरी को सपोर्ट कर रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने गुरुवार को अपने ट्रांसलेटर में चार नई भाषाओं- भोजपुरी, बोडो, डोगरी और कश्मीरी को शामिल करने की घोषणा की। इसी के साथ माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर में भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करने की संख्या 20 हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर अब हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, भोजपुरी, बोडो, डोगरी और कश्मीरी को सपोर्ट कर रहा है।
कंपनी ने कहा, यह माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर को सभी 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं का सपोर्ट करने के अपने लक्ष्य के करीब लाता है। अब यह देश की लगभग 95 प्रतिशत आबादी की बोली जाने वाली भाषाओं को कवर करता है। कंपनी ने कहा कि यह नया अपडेट करीब 61 मिलियन लोगों को प्रभावित करेगा और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए नए आर्थिक अवसर खोलेगा, जिससे उन्हें व्यापक दर्शकों से जुड़ने का मौका मिलेगा।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के भारत विकास केंद्र के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने बयान में कहा कि हम देश के विकास को गति देने और प्रौद्योगिकी तक पहुंच को अधिक समावेशी बनाने के लिए सबसे एडवांस एआई तकनीक का लाभ उठाकर भारत की विविध भाषाओं और संस्कृति का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ट्रांसलेशन फीचर्स को व्यवसायों और डेवलपर्स के लिए माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर एप, एज ब्राउज़र, ऑफिस 365, बिंग ट्रांसलेटर और एज़्योर एआई ट्रांसलेटर एपीआई के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है, जिसका उपयोग जियो हैप्टिक और कू जैसी कंपनियां कर रही हैं।
जियो हैप्टिक के साथ माइक्रोसॉफ्ट का सहयोग और ट्रांसलेटर के साथ एकीकरण भाषाई विभाजन को पाटने और सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी पहुंच के माध्यम से भारत के विविध समुदायों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जियो हैप्टिक के सह-संस्थापक और सीटीओ स्वपन राजदेव ने कहा, ''यह डेवलपमेंट हैप्टिक के लिए काफी रोमांचक है क्योंकि यह हमारे ग्राहकों को अधिक समावेशी होने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है। वे अब भोजपुरी, बोडो, कश्मीरी, डोगरी जैसी भाषाओं में सहायता प्रदान कर सकते हैं, जो अभूतपूर्व है।''
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia