लॉकडाउन-2 में मिलेंगी कई तरह की रियायतों, लेकिन मेट्रो शहरों में जारी रहेगी पहले जैसी पाबंदी !
आम चर्चा है कि कोरोना के खिलाफ युद्ध के लिए लॉकडाउन को कम से कम दो सप्ताह के लिए बढ़ाया जाएगा, जैसा कि आधा दर्जन राज्य ऐलान कर चुके हैं। साथ ही यह भी चर्चा है कि इस बार के लॉकडाउन में काफी कुछ रियायतें भी मिलेंगी, लेकिन मेट्रो शहरों को इन रियायतों में शायद ही शामिल किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ रियायतों के साथ प्रधानमंत्री देशव्यापी लॉकडाउन को कम से कम दो सप्ताह और आगे बढ़ाने का ऐलान करेंगे। लेकिन संभावना है कि इसमें काफी रियायतें या छूट दी जा सकती हैं या फिर लॉकडाउन का स्वरुप कुछ अलग हो सकता है।
दरअसल दो दिन पहले वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग संवर्धन विभाग ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कई क्षेत्रों की कंपनियों और कारखानों में काम शुरु कराने की अनुमति देने का आग्रह किया था। पत्र के अलावा सूत्रों का कहना है कि जिन क्षेत्र की कंपनियों को खोला जा सकता है उनमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक सामान बनाने वाली कंपनियां, हाउसिंग और निर्माण सेक्टर, सड़क की रेहड़ी पटरी, मोबाइल, इलेक्ट्रिक रिप्यर की दुकान, धोहू, मोची, प्रेस वाला आदि को काम करने की इजाजत होगी।
लेकिन मेट्रो शहरों को बढ़े लॉकडाउन में छूट मिलना मुश्किल है। दरअसल दिल्ली, मुंबई, इंदौर, गुड़गांव, भोपाल, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु में कोरोना के केस लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए यहां कोई नई छूट मिलना मुश्किल है।
दिल्ली में तो लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद बिल्कुल नहीं है। 2 मार्च को पहला केस मिलने के बाद अब तक दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार हो गई है। इसके मद्देनजर 43 इलाके सील हैं। माना जा रहा है कि अगर दिल्ली में थोड़ी बहुत ढील मिलती भी है, तो इन 43 इलाकों को छोड़कर अन्य जगहों पर लागू हो सकती है।
इसके अलावा ऑड-ईवन की तर्ज पर सीमित संख्या में वाहनों की आवाजाही की भी चर्चा है। दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में सोमवार से ऑड-ईवन नियम लागू किया गया है। मंडी के शेड ऑड और ईवन के मुताबिक खुल रहे हैं। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए आजादपुर सब्जी मंडी में सुबह 6 से 11 बजे तक सब्जियों, जबकि दोपहर 2 से 6 बजे तक फलों की बिक्री का नियम रखा गया है।
सूत्रों का कहना है कि अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने और कामगारों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को खोल सकती है। सुझाव है कि मजदूर और कामगार कारखानों के अंदर ही रहें और आवागमन न करें, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाए।
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