टमाटर की कीमतों से मैकडॉनल्ड्स भी सहमा, अब ग्राहकों को यहां के डिश में नहीं मिलेगा
मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हमें पर्याप्त मात्रा में टमाटर नहीं मिल पा रहे हैं जो हमारी विश्व स्तरीय कड़ी गुणवत्ता जांच में खरे उतरते हों। इसलिए फिलहाल हम आपको टमाटर के बिना भोजन परोसने के लिए मजबूर हैं।
देश में टमाटर की कीमतों में लगी आग का असर घरेलू रसोई के बाद बाहर मंहगे रेस्टोरेंट में भी दिखने लगा है। टमाटर के भाव में जारी उछाल के कारण दिल्ली में मैकडॉनल्ड्स ने एक नोटिस जारी कर ग्राहकों को सूचित किया है कि वह अपने खाद्य पदार्थों में टमाटर नहीं शामिल कर सकेगा।
दिल्ली में मैकडॉनल्ड्स आउटलेट के बाहर लगाए गए नोटिस में लिखा है, ''प्रिय ग्राहक, हम आपको सर्वोत्तम सामग्री के साथ सर्वोत्तम भोजन परोसने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं। हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हमें पर्याप्त मात्रा में टमाटर नहीं मिल पा रहे हैं जो हमारी विश्व स्तरीय कड़ी गुणवत्ता जांच में खरे उतरते हों। इसलिए फिलहाल हम आपको टमाटर के बिना भोजन परोसने के लिए मजबूर हैं। निश्चिंत रहें हम टमाटर की आपूर्ति वापस पाने के लिए काम कर रहे हैं। हम आपके संरक्षण को महत्व देते हैं और इसके कारण हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं।''
पूरे देश में टमाटरों की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कुछ लोगों का दावा है कि मौसम की मार ने टमाटर की खेती को प्रभावित किया है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार देश भर में टमाटर की कीमत मई के पहले सप्ताह में 15 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 120-150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। थोक विक्रेताओं का दावा है कि एक हफ्ते में सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं और उनकी बिक्री 40 फीसदी तक कम हो गई है।
दिल्ली और नोएडा के थोक व्यापारी मनोज कुमार ने कहा कि मैं टमाटर 120 रुपये प्रति किलो बेच रहा हूं जबकि लौकी 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है। जो धनिया हम आमतौर पर मुफ़्त देते थे, वह अब 300 रुपये प्रति किलोग्राम है। फूलगोभी 160 रुपये प्रति किलोग्राम है और अदरक 400 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बेचा जा रहा है।
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