JNU: नकाबपोश गैंग कैंपस में घुसा, स्ट्रीट लाइट बंद की गई, पुलिस गेट पर खड़ी रही, दर्जनों छात्रों पर जानलेवा हमला
हथियारबंद नकाबपोश गैंग ने JNU कैंपस में घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमला किया। हमले में दर्जनों छात्र और शिक्षक गंभीर रुप से जख्मी हुए हैं। इस गैंग गैंग ने कैंपस में तोड़फोड़ भी की। आरोप है कि हमला करने वालों में बीजेपी की छात्र शाखा ABVP का हाथ है।
रविवार शाम दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय – जेएनयू में हथियारबंद नकाबपोश गैंग ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में जेएयू छात्र परिषद की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कम से कम तीन दर्जन छात्र जख्मी हुए हैं। इनमें से करीब दो दर्जन छात्रों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर और बाकी को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आइशी घोष की हालत गंभीर बताई जा रही है, उन्हें सिर पर गहरी चोट आई है।
खबर लिखे जाने तक नकाबपोश हथियारबंद गुंडे जेएनय कैंपस में में ही थे। हालांकि पुलिस का दावा है कि कैंपस में फ्लैग मार्च के बाद हालात काबू में हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटो साफ बताते हैं कि हमलावर सुनियोजित तरीके से आए थे और उन्हें किसी की शह हासिल थी। इन हमलावरों ने हॉस्टल में घुसकर छात्र-छात्राओं पर जानलेवा हमले किए और कैंपस में खड़ी गाड़ियों में तोड़-फोड़ की।
हमले के बाद खून से लथपथ आइशी घोष का वीडियो सामने आया है जिसमें वे कह रही हैं कि हमला एबीवीपी के लोगों ने किया।
हमले की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक अन्य वीडियो में मास्क पहने छात्र हमला करते दिख रहे हैं। जेएनयू की शिक्षक सुचित्रा सेन को भी गंभीर चोटें आई हैं। घायल छात्रों को एम्स ले जाया गया है। एम्स ट्रामा सेंटर के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि रात 10.30 बजे तक उनके यहां 23 छात्रों को गंभीर हालत में भर्ती कराया है। इनमें से करीब 12 छात्रों के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष की हालत गंभीर है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एम्स ट्रामा सेंटर पहुंच कर घायल छात्रों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने बाद में ट्वीट किया, “एम्स ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों ने मुझे बताया कि गुंडों ने परिसर में प्रवेश किया और उन पर लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया। कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
जेएनयू पर हमले का सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि कई दक्षिणपंथियों ने इसे वाम विचारधारा द्वारा किया गया हमला करार दिया। ऐसे लोगों पर तंज कसते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में हमले कर रहे हैं, बच्चों में खौफ पैदा कर रहे हैं। और जख्मों पर नमक छिड़कते हुए बीजेपी नेता ऐसा जता रहे हैं जैसे यह उनके गुंडे नहीं थे।”
इस दौरान पुलिस ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, साथ ही बताया जाता है कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस बारे में बात की है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गृहमंत्रालय ने जेएनयू मामले में जांच बैठा दी है। गृह मंत्रालय ने आदेश दिया था कि आईजी स्तर की पुलिस अधिकारी मामले की जांच करेगा। लिहाजा रविवार देर रात को जांच बैठा दी गई और पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह मामले की जांच करेंगी। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस एक-दो दिन में गृहमंत्रालय को रिपोर्ट दे सकती है।
लेकिन जेएनयू पर हमले के खिलाफ छात्रों ने दिल्ली के आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर धरना शुरु कर दिया है जो देर रात तक जारी था।
इस बीच पुलिस मुख्यालय पर धरना दे रहे छात्रों से दिल्ली पुलिस पीआरओ एम एस रंधावा ने बात की। उन्होंने कुछ छात्रों और शिक्षकों को बातचीत के लिए बुलाया। इसके बाद उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों से मिलने की इजाजत दी गई।
उधर जेएनयू प्रशासन ने एक बयान जारी कर कैंपस में हिंसा की बात की, लेकिन फिर इस बयान को वापस ले लिया। लेकिन कुछ देर बाद इसी बयान को फिर से जारी कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि परिसर के भीतर कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा हो गई, इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बुलाई गई है। जेएनयू समुदाय को जारी त्वरित संदेश में रजिस्ट्रार ने कहा, "जेएनयू परिसर में कानून-व्यवस्था को लेकर स्थिति गंभीर हो गई है। लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश अराजक तत्व घूम रहे हैं। वे संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमले कर रहे हैं।" जेएनयू प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बुलाई है। उन्होंने कहा, "यह शांति बनाए रखने का वक्त है। सतर्क रहें। किसी आपात स्थिति में 100 नंबर डायल कर सकते हैं। अराजक तत्वों से निपटने के लिए पहले ही कोशिश की जा चुकी है।"
इस बीच तमाम शहरों में जेएनयू पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन शुरु हो गए। मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों लोगों ने जमा होकर इस हमले पर विरोध दर्ज कराया। फिल्म अभिनेता नंदिता दास ने इस प्रदर्शन का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए जेएनयू के साथ एकजुटता जाहिर की।
इसके अलावा पुणे में भी एफटीटीआईआई (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) के छात्रों ने भी जेएनयू में हुए हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी जेएनयू पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। छात्रों के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेएनयू पर हमले के विरोध में छात्रों ने मार्च निकाला। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने भी एक बयान में जेएनयू पर हमले की निंदा की। एसोसिएशन के सचिव नजमुल इस्लाम ने देश के चीफ जस्टिस से अपील की कि इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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