योगी सरकार में शहीद के पिता की नहीं हुई सुनवाई तो राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग, बोले- लेंगे समाधि
योगी सरकार में अंबेडकरनगर के डीएम की अभद्रता और उनके अधिकारियों की कारगुजारी से परेशान होकर शहीद के पिता ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु मांगी है। शहीद के पिता ने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह 12 जनवरी को शहीद बेटे के समाधि स्थल पर ही समाधि ले लेंगे।
योगी सरकार में परेशान शहीद जवान बजरंगी विश्वकर्मा के पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु मांग की है। इतना ही नहीं शहीद के पिता सुरेशमन विश्वकर्मा ने समस्या समाधान नहीं होने पर 12 जनवरी, 2019 को समाधि लेने की तारीख का भी ऐलान कर दिया है। दरअसल अंबेडकरनगर में डीएम के दुर्व्यवहार और उनके अधिकारियों की कारगुजारी से परेशान होकर शहीद के पिता ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु मांगी है। राष्ट्रपति को भेजे पत्र में लिखा है कि अगर 11 जनवरी 2019 तक उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह 12 जनवरी को अपने शहीद बेटे के समाधि स्थल पर ही समाधि ले लेंगे।
शहीद के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसडीएम अकबरपुर, तहसीलदार अकबरपुर और थाना सम्मनपुर का रवैया उनके बेटे की शहादत पर पानी फेर रहा है। सुरेशमन विश्वकर्मा ने बताया कि जिस समय उनके शहीद बेटे का पार्थिव शरीर गांव लाया गया था, तत्कालीन जिलाधिकारी ने शहीद के नाम से स्मारक बनाने और परिजनों के लिए जमीन उपलब्ध कराने की बात कही थी। प्रशासन ने स्मारक के लिए जमीन चिन्हित करके शहीद परिवार को बता दी, जिसके बाद शहीद परिवार ने अपने पैसों से स्मारक बनवाया। जबकि राज्य सरकार से कोई सहायता और सुविधा नहीं दी गई।
सरकारी सहयोग नहीं मिलने से परेशान शहीद के परिजनों ने डीएम से लेकर सीएम और पीएम तक गुहार लगाई, लेकिन उनकी फरियाद पर किसी ने ध्यान तक नहीं दिया।
शहीद के परिजनों ने योगी सरकार के प्रशासन पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी के नाम 30 जून, 2018 को पांच बिस्वा जमीन का पट्टा किया गया, मगर पट्टे से संबंधित कागजात अभी तक परिजन को नहीं दिया गया। पट्टा करने में तहसील प्रशासन ने गजब का खेल भी किया है। जिस जमीन पर शहीद के परिजनों का पुश्तैनी मकान है उसे ही पट्टे की जमीन बता दिया गया है और बगल की बंजर पड़ी जमीन पर पैसा लेकर गांव के एक दबंग व्यक्ति का कब्जा करा दिया गया है। अब दबंग व्यक्ति आये दिन शहीद के परिजनों को परेशान कर रहा है।
बता दें कि अंबेडकरनगर जिले के थाना सम्मनपुर क्षेत्र के बजरंगी विश्वकर्मा सीमा सुरक्षा बल की 101वीं बटालियन में तैनात था, 6 अगस्त, 2010 को त्रिपुरा के नलकटा में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में बजरंगी विश्वकर्मा शहीद हो गया। बजरंगी विश्वकर्मा को वीरता के लिए मरणोपरांत ‘राष्ट्रपति वीरता मेडल’ प्रदान किया गया था। यह मेडल तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने 30 नवंबर, 2011 को दिया था।
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