सादगी के लिए जाने गए मनोहर पर्रिकर की जिंदगी से जुड़े राफेल समेत ये विवाद
गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी निवास पर निधन हो गया। वह पिछले एक साल से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे थे। वैसे तो मनोहर पर्रिकर के साथ कई अच्छे काम जुड़े हैं तो कई विवाद भी, लेकिन सबसे ज्यादा विवाद राफेल डील को लेकर हुआ।
अपनी सादगी को लेकर जाने गए गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर की जिंदगी में कई विवादों के साथ नाम भी जुड़ा रहा। सबसे ज्यादा उनके नाम राफेल सौदे को लेकर जुड़ा। इसके अलावा कई ऐसे मुद्दे रहे जिनकी वजह से पर्रिकर को विरोध का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं जिंदगी से जुड़े उनके कुछ विवाद
राफेल सौदे को लेकर घिरे थे पर्रिकर
2 जनवरी को राफेल डील पर जारी विवाद के बीच कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप जारी किया था। जिसमें गोवा सरकार के मंत्री विश्वजीत राणे की आवाज होने का दावा किया गया था। इस टेप में राणे कथित तौर पर यह कहते हुए सुने गए थे कि मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि मेरे बेडरूम में राफेल मामले की सभी जानकारियां हैं। ऑडियो टेप से यह भी जानकारी निकली थी कि उन्हें सीएम के पद से हटाया नहीं जा सकता है, क्योंकि जिस दिन ऐसा हुआ उसी दिन वह राफेल से जुड़ी सारी फाइलें जारी कर देंगे।
स्कूलों का नाम बदलने पर विवाद
सीएम रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने साल 2001 में गोवा के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों को विद्या भारती में बदल दिया था। पर्रिकर के इस फैसले की आलोचना की गई थी। इस फैसले का विरोध करने का क वज यह थी कि विद्या भारती आरएसएस की एक शिक्षा शाखा है।
फीफा विश्व कप से जुड़ी एक दावत को लेकर हुआ विवाद
साल 2014 में ब्राजील में हुए फीफा विश्व कप से जुड़ी हुई एक दावत को लेकर पर्रिकार बुरी तरह से फंस गए थे। इस दावत को लेकर कांग्रेस जोर शोर से हमला बोला था। उस समय पर्रिकर पर यह आरोप लगा था कि इस दावत के आयोजन पर करीब 89 लाख रुपए का खर्चा किया गया है और जनता के पैसों को पानी की तरह बहाया गया है।
जब पर्रिकर ने पाकिस्तान को बताया था नरक
रक्षा मंत्री रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान को लेकर कहा था कि पाक में जाना किसी नरक में जाने से कम नहीं है। इस बायन को लवेकर काफी विवाद हो गया था।
यूरोपीय कचरा प्रबंधन को लेकर जुड़ा विवाद
इसके अलावा मनोहर पर्रिकर का नाम कई और विवादों के साथ ही जुड़ा। उसमें यूरोपीय कचरा प्रबंधन को लेकर भी था। बता दें कि 2013 में इंडिया का एक डेलिगेशन यूरोप गया था। इसमें गोवा के उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूज समेत कई विधायक मौजूद थे। प्रतिनिधिमंडल वहां कचरा प्रबंधन पर अध्ययन करने के लिए गया था। इस यात्रा के दौरान करीब 1 करोड़ रुपए का खर्चा आया था और इसी खर्चे को लेकर पर्रिकर को विवाद का सामना करना पड़ा था।
टॉयलेट में महाभारत पढ़ने वाले बयान पर मचा था बवाल
एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि उन्हें टॉयलेट में किताबें पढ़ना पसंद है। उन्होंने कहा था कि इस समय मैं महाभारत पर एक बुक पढ़ रहा हूं। वह एक टॉयलेट में पड़ी हुई है। एक और किताब दूसरे टॉयलेट में है। पर्रिकर के महाभारत को लेकर दिए गए इस बयान के बाद काफी बवाल मचा था।
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