मणिपुरः NPP ने BJP सरकार से समर्थन वापस लिया, हिंसा पर नियंत्रण में पूरी तरह से नाकाम रहने का आरोप लगाया
एनपीपी ने बीजेपी अध्यक्ष को भेजे पत्र में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है, कई निर्दोष लोगों की जान गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुजर रहे हैं। बीरेन सिंह की सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है।
मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य की बीजेपी सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। एनपीपी ने बीजेपी सरकार पर संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के सात विधायक हैं। राज्य में ताजा हिंसा की घटनाओं के बीच एनपीपी ने रविवार को यह दावा करते हुए हिंसा प्रभावित मणिपुर की बीजेपी नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया कि एन बीरेन सिंह शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में ‘संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम’ रहा है।
एनपीपी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है, कई निर्दोष लोगों की जान गई है और राज्य के लोग ‘भारी पीड़ा से गुजर’ रहे हैं। एनपीपी ने पत्र में कहा, ‘‘हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है।’’
एनपीपी द्वारा मणिपुर सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस लेने पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "मैं सिर्फ न्याय चाहता हूं, चाहे मणिपुर पर कोई भी शासन करे। प्रधानमंत्री वहां नहीं गए और मणिपुर के लोग महीनों, सालों से पीड़ित हैं। प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं? वे पूरी दुनिया, पूरे महाराष्ट्र और झारखंड में घूम रहे हैं। लेकिन वे मणिपुर नहीं जा रहे हैं। राहुल गांधी वहां गए। उन्होंने वहां से मुंबई, महाराष्ट्र तक अपनी पदयात्रा शुरू की। मोदीजी कहां हैं? उनके पास वहां जाने के लिए कोई चेहरा नहीं है... मैं केंद्र सरकार के रवैये की निंदा करता हूं।"
गौरतलब है कि राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बीच पीएम मोदी विदेश दौरे पर चले गए हैं गृहमंत्री अमित शाह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। हालांकि, हिंसा तेज होने के बाद और विपक्षी दलों की ओर से सवाल उठाने के बाद गृहमंत्री अमित शाह चुनावी दौरे रद्द कर दिल्ली लौट आए हैं और राज्य के हालात को लेकर बैठकें कर रहे हैं।
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