मणिपुर: चुराचांदपुर और कांगपोकपी में बंद से जनजीवन प्रभावित, जिरीबाम में ताजा हिंसा

सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने 20 सितंबर को दावा किया था कि सुरक्षा बलों ने ऐसी रिपोर्ट के मद्देनजर कई कदम उठाए हैं कि 900 उग्रवादी इंफाल घाटी के जिलों के बाहरी इलाकों के गांवों में हिंसा कर सकते हैं।

फाइल फोटो
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पीटीआई (भाषा)

मणिपुर के चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में कुकी जो समूहों के बंद के आह्वान से शनिवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ जबकि जिरीबाम के एक गांव से ताजा हिंसा की खबर मिली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सड़कों पर वाहन नहीं दिखे। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। दोनों जिलों में बंद शुक्रवार को शुरू हुआ और रविवार तक जारी रहेगा।

सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह के बयान के विरोध में 'इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम' (आईटीएलएफ) और 'कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन' (केएसओ) सहित कुकी-जो समूहों द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने 20 सितंबर को दावा किया था कि सुरक्षा बलों ने ऐसी रिपोर्ट के मद्देनजर कई कदम उठाए हैं कि 900 उग्रवादी इंफाल घाटी के जिलों के बाहरी इलाकों के गांवों में हिंसा कर सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार ने बुधवार को इस दावे को वापस ले लिया और कहा कि "सशस्त्र समूहों द्वारा इस तरह के किसी भी दुस्साहस की संभावना न्यूनतम और निराधार है।"


इस बीच पुलिस ने बताया कि जिरीबाम जिले के एक गांव से ताजा हिंसा की खबर मिली है। उन्होंने बताया कि हथियारबंद लोगों ने पास की पहाड़ियों और आसपास के घने जंगलों से मोंगबुंग गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके बाद 'गांव के स्वयंसेवकों' ने जवाबी कार्रवाई की। पुलिस ने बताया कि हिंसा के बाद महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने कांगपोकपी, चुराचांदपुर और थौबल जिलों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया। हालांकि बरामदगी के संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले वर्ष मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए।

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