महाराष्ट्र: BJP से मिलकर सत्ता का सुख भोगने वाले अजित पवार और उनके साथियों का अब क्या होगा? भ्रष्टाचार के हैं आरोपी
महाराष्ट्र में जिन एनसीपी नेताओं पर बीजेपी भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है वो अब सरकार में शामिल हो गए हैं। इसके बाद विपक्ष और हमला कर रही है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक जारी है। एनसीपी नेता अजित पवार अब शरद पवार से अलग हो गए हैं। साथ ही वह अब पार्टी के नाम और सिम्बल पर अपना दावा ठोंक रहे हैं। आज अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर का उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन इन सबके बीच विपक्ष बीजेपी को लगातार घेर रही है। विपक्ष पहले से ही 'वाशिंग मशीन' कहकर तंज कसता रहा है। महाराष्ट्र में जिन एनसीपी नेताओं पर बीजेपी भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है वो अब सरकार में शामिल हो गए हैं। इसके बाद विपक्ष और हमला कर रही है।
दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में जितने विधायकों को मंत्री पद दिया गया है, उनमें कई नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई हो रही है। सबसे पहले देखते हैं कौन कौन नेता शामिल हुए हैं और शपथ लिए हैं।
एनसीपी के किन-किन लोगों ने ली शपथ
अजित पवार - अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। वह बारामती सीट से विधायक हैं।
छगन भुजबल - छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली है। वह नासिक के येवला सीट से विधायक हैं।
दिलिप राव वलसेपाटिल - मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने दिलिप राव वलसेपाटिल पुणे की अंबेगांव से विधायक हैं।
हसन मियांलाल मुशरिफ - कैबिनेट मंत्री बने हसन मियांलाल मुशरिफ कोल्हापुर की कागल सीट से विधायक हैं।
धनंजय पंडितराव मुंडे - कैबिनेट मंत्री बने धनंजय पंडितराव मुंडे बीड की परळी सीट से विधायक हैं।
धर्माराव बाबा भगवंतरंव आत्राम - गड़चिरौली की अहेरी सीट से विधायक हैं।
अदिति वरदा सुनीत तटकरे - श्रीवर्धन सीट से विधायक हैं।
संजय शंकुलता बाबूराव बनसोड़े- लातूर की उदगीर सीट से विधायक हैं।
अनिल भाईदास पाटिल - जलगांव की अमलनेर सीट से विधायक हैं।
अजीत पवार
अजित पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के जांच की लंबी सूची है। इसमें सहकारी बैंक घोटाला और सिंचाई घोटाला मामला प्रमुख हैं। यहां तक की उनकी अपनी कंपनी पर भी भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है। ईडी ने ने साल 2021 में स्पार्कलिंग सॉइल प्रा.लि. के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर कर किया था। हालांकि दायर चार्जशीट पर अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम शामिल नहीं है लेकिन जिस कंपनी के खिलाफ शिकंजा कसा गया है वह अजित पवार और उनकी पत्नी की है।
अजित पवार के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से दिए गए लोन में अनियमितताओं के आरोप हैं। इसी आरोप पर दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के आधार पर वह आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच का सामना कर रहे थे।
छगन भुजबल
अजित पवार के साथ एनसीपी के एक और मंत्री छगन भुजबल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बालासाहेब ठाकरे के साथ 1960 में शिवसेना से की थी। वे मध्य मुंबई के इलाकों में सब्जियां बेचा करते थे। आज 800 से 1000 करोड़ की संपत्तियों के मालिक हैं। उन पर दिल्ली में स्थित महाराष्ट्र सदन के निर्माण से जुड़े घोटाले का आरोप है। बाद में उन्हें मुंबई सेशंस कोर्ट से बरी कर दिया गया था। साल 2005 से 2006 के दौरान उन पर बिना टेंडर जारी किए केएस चमनकर इंटरप्राइजेस को ठेका देने का आरोप है। 2016 में उन्हें ईडी ने अरेस्ट किया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 2018 में बरी कर दिया।
हसन मुश्रीफ
कोल्हापुर के कागल क्षेत्र से एनसीपी नेता और मंत्री हसन मुश्रीफ और उनके दामाद के ठिकानों पर ईडी की छापेमारियां हुई थीं। उन पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने फर्जी कंपनियां बनाने और अप्पासाहेब नलवडे शुगर मिल की खरीद से जु़ड़े घोटालों के आरोप हैं। कलकत्ता की बोगस कंपनी के जरिए संताजी घोरपडे शुगर मिल में 158 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए थे। पैसे कहां से आए, किसने ट्रांसफर किए, क्यों किए? कोई हिसाब-किताब नहीं। इस मिल पर मुश्रीफ परिवार का कब्जा है। इसके अलावा को-ऑपरेटिव बैंक के जरिए किसानों को ठगने का भी आरोप है।
अदिति तटकरे
शिंदे सरकार में इकलौती महिला मंत्री अदिति तटकरे सुनील तटकरे की बेटी हैं। अदिति तटकरे ने भी अजित पवार के साथ मंत्री पद की शपथ ली हैं। उनके उपर भी 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले का आरोप था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बड़े सियासी उल्टफेर के बाद वहां का राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और अजित पवार आमने सामने हो गए हैं। साथ ही दोनों नेताओं की तरफ से पार्टी पर अपना-अपना दावा किया जा रहा है। इन सबके बीच अजित पवार के शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शरद पवार की तरफ से अजित सहित अन्य आठ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका दायर की गई है। इस बीच खबर ये भी है कि अजित पवार के साथ गए दो विधायक अब शरद पवार कैंप में वापस लौट आए हैं। शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल और सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर करने का एलान कर चुके हैं। इसके बाद अजित पवार ने भी नई टीम का ऐलान कर दिया। उन्होंने सुनील तटकरे को महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
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