महाराष्ट्रः चुनावी साल में शिंदे सरकार ने पेश किया लोकलुभावन बजट, विपक्ष ने बताया 'जुमला बजट'
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार के बजट को आश्वासनों का पुलिंदा और झांसा करार देते हुए कहा कि यह समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का एक फर्जी प्रयास है। इसे देवेंद्र फडणवीस झांसा कहते हैं।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की महायुति सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए शुक्रवार को पेश 2024-25 के बजट में महिलाओं, युवाओं और किसान समेत विभिन्न वर्गों के लिए कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की। इसमें 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता, परिवारों को साल में तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर, किसान अनुकूल कदम और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए 10,000 रुपये मासिक भत्ता देने जैसे कदम शामिल हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले यह बजट पेश किया गया।
वहीं विपक्षी नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार के बजट को जुमला बजट करार देते हुए इसमें किए गए वादों को जुमलेबाजी बताया है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह एक 'जुमलेबाज' बजट है। इस बजट ने महाराष्ट्र के लोगों को निराश किया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की 'गारंटी' की नकल करने की कोशिश की। लेकिन, उसमें भी उन्होंने अपना कमीशन लेने की कोशिश की। वहीं कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि यह जुमला बजट है। यह बजट चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पेश महाराष्ट्र सरकार के बजट को “आश्वासनों का पुलिंदा” और “झांसा” करार दिया और कहा कि इसमें समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ देने का दिखावा किया गया है। ठाकरे ने पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता देने संबंधी “मुख्यमंत्री माझी लडकी बहिन” योजना चुनाव से पहले महिला मतदाताओं को लुभाने का प्रयास है। ठाकरे ने कहा कि बजट आश्वासनों का पुलिंदा है। यह समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का एक फर्जी प्रयास है। इसे (उपमुख्यमंत्री) देवेंद्र फडणवीस झांसा कहते हैं।
इससे पहले, शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी सरकार में वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में 20,051 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का बजट पेश किया। उन्होंने बजट में महिलाओं, युवाओं और किसानों सहित अन्य वर्गों के लिए कई लोकलुबावन रियायतों की घोषणा की, जिस पर 80,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय होगा। पवार ने वार्षिक योजना 2024-25 में योजना व्यय के अंतर्गत 1.92 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया।
पवार ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता मिलेगा। इस योजना का मकसद महिलाओं का समग्र विकास और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है, जिसमें आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य तथा पोषण शामिल है। मंत्री ने घोषणा की कि इस योजना के लिए हर साल 46,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे जुलाई से लागू किया जाएगा।
महिलाओं के लिए एक अन्य कल्याणकारी योजना ‘मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना’ की घोषणा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत हर परिवार को साल में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।’’ इस योजना से 52,16,412 परिवारों को लाभ मिलेगा। पवार ने घोषणा की कि छोटी महिला उद्यमियों की मदद के लिए एक स्टार्ट-अप योजना, ‘पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला’ इस वर्ष शुरू की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाली अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों द्वारा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए भुगतान की गई ट्यूशन तथा परीक्षा फीस का भुगतान सरकार करेगी।
पवार ने कहा कि इस कार्यक्रम में इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, फार्मेसी, मेडिसिन और कृषि में पेशेवर डिग्री तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश शामिल होगा। इससे 2.05 लाख लड़कियों को लाभ होगा। यह योजना शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से शुरू होगी और इस पर राज्य के खजाने पर करीब 2,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार 8.5 लाख किसानों को ‘मागेल त्याला’ योजना के तहत सौर ऊर्जा पंप उपलब्ध कराएगी ताकि उन्हें मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहल कृषि बिजली ग्रिड को अलग करने और उन्हें सौर ऊर्जा से संचालित करने की परियोजना का हिस्सा है ताकि किसानों को दिन के समय निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के बिजली बिल का बोझ उठाएगी और 7.5 ‘हॉर्स पावर’ तक की क्षमता वाले कृषि पंपों को चलाने के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएगी। इससे 44.06 लाख किसानों को मदद मिलेगी और इस योजना के लिए सब्सिडी के रूप में 14,761 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। पवार ने युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण’ योजना की भी घोषणा की।
इस योजना के तहत हर साल 10 लाख युवाओं को औद्योगिक और गैर-औद्योगिक प्रतिष्ठानों में नौकरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत, प्रत्येक प्रशिक्षु को सरकार द्वारा प्रति माह 10,000 रुपये तक का मानदेय दिया जाएगा और इस पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पवार ने मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में डीजल और पेट्रोल पर वैट 24 प्रतिशत से घटाकर 21 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा। इससे मुंबई क्षेत्र में डीजल करीब दो रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल 65 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा। कर कटौती से राज्य के खजाने पर 200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि वार्षिक योजना 2024-25 में योजना व्यय के तहत 1.92 लाख करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति योजना के लिए 15,893 करोड़ रुपये तथा आदिवासी विकास उप-योजना के लिए 15,360 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है।
उन्होंने विधानसभा को बताया कि 2024-25 में कुल व्यय के लिए 6,12,293 करोड़ रुपये का का प्रस्ताव किया गया है। राजस्व प्राप्तियां 4,99,463 करोड़ रुपये, राजस्व व्यय 5,19,514 करोड़ रुपये और अनुमानित राजस्व घाटा 20,051 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। पवार ने कहा कि सरकार राज्य के राजकोषीय और राजस्व घाटे को राजकोषीय उत्तरदायित्व और राजकोषीय प्रबंधन अधिनियम द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर रखने में सफल रही है। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा 1,10,355 करोड़ रुपये था। संशोधित अनुमान के अनुसार 2023-24 के लिए राज्य का कर राजस्व 3,26,397 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर राजस्व का बजट अनुमान 3,43,040 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
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