महाराष्ट्र के मंत्री ने जन्मदिन पार्टी में पुलिस को मेहमानों की 'हड्डियां तोड़ने' का दिया आदेश, छिड़ा विवाद
विपक्षी महा विकास अघाड़ी की घटक कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी ने शिंदे के मंत्री के इस कृत्य की आलोचना की है। कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने सवाल किया कि सत्तार मंत्री हैं या गुंडे और क्या सीएम शिंदे अपने अहंकारी सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस दिखाएंगे?
महाराष्ट्र की शिवसेना और बीजेपी सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार ने पुलिस को अपने जन्मदिन समारोह में आमंत्रित अतिथियों पर लाठीचार्ज करने और उनकी हड्डियां तोड़ने का आदेश देकर विवाद खड़ा कर दिया है। मंत्री बुधवार देर रात अपना जन्मदिन मना रहे थे। घटना के एक वीडियो में मंत्री चिल्लाते, अपनी भुजाएं ऊपर उठाते और पुलिस को यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि "उन्हें कुत्तों की तरह मारो, इतना कि उनकी नितंब की हड्डियां टूट जाएं।"
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना से संबंधित मंत्री ने उस समय आपा खो दिया, जब उनके जन्मदिन समारोह में लोकप्रिय 'लावनी' नर्तकी गौतमी पाटिल व उनकी मंडली नृत्य पेश कर रही थी और उस दौरान दर्शकों की भीड़ बेकाबू हो गई। उन्होंने माइक पर चिल्लाकर पुलिस को जैसा आदेश दिया, सभी हैरान रह गए। उनके ऐसे आदेश पर जब हंगामा बढ़ता गया, तब सत्तार ने गुरुवार शाम को अपने शब्दों और भाषा के चयन के लिए "खेद" जताया और दावा किया कि "हालात काबू से बाहर हो रहे थे"।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की घटक कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी ने शिंदे सरकार के मंत्री के इस कृत्य की आलोचना की है। परिषद में नेता विपक्ष और शिवसेना-यूबीटी के नेता अंबादास दानवे ने भीड़ के सामने "राक्षस", "कुत्ते", "चूतड़" जैसे शब्दों के इस्तेमाल के लिए मंत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''सत्तार ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह उनकी संस्कृति के अनुकूल है... इसे राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना-शिंदे और भारतीय जनता पार्टी भी स्वीकार करती है।''
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने सवाल किया कि सत्तार "मंत्री हैं या गुंडे" और "क्या सीएम शिंदे अपने अहंकारी सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस दिखाएंगे?" उन्होंने कहा, "इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि सत्तार ने पुलिस को आदेश दिया कि 'इन लोगों को कुत्तों की तरह मारो, उनकी पीठ तोड़ दो, जब आप इन 50,000 लोगों को नहीं मार सकते तो एक हजार पुलिस वाले होने का क्या मतलब है?'
लोंधे ने कहा, "सत्तार मंत्री बनने लायक नहीं हैं।" उन्होंने शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से पूछा कि क्या आपकी पुलिस मंत्री की निजी पार्टियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए है? उन्होंने कहा, “सत्तार हमेशा विवादास्पद रहे हैं… पहले उनका नाम टीईटी घोटाले में आया था, 37 एकड़ मवेशी चारागाह भूमि-घोटाले में और उनके सहयोगी का नाम फर्जी छापेमारी मामले में सामने आया था। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले को भी गाली दी थी। उन्होंने हमेशा सत्ता का अहंकार प्रदर्शित किया है, लेकिन अब राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।’’
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