महाराष्ट्रः नांदेड़ अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत, मृतकों में 12 नवजात, MVA ने शिंदे सरकार को घेरा
पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने नांदेड़ अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमी है। कुछ उपकरण काम नहीं कर रहे हैं और कुछ विभाग विभिन्न कारणों से चालू नहीं हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है।
महाराष्ट्र के नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। इनमें 12 नवजात भी शामिल हैं। इस घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया है और मामले की जांच की मांग कर रहें हैं। इससे पहले अगस्त में ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत का मामला सामने आया था, जिसके बाद जांच की बात कही गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मृतकों में 2 से 4 दिन की उम्र के कम से कम 12 शिशु शामिल हैं, जबकि शेष वयस्क हैं। अस्पताल के डीन एस. वाकोडे ने कहा कि 6 बालक और 6 बालिका शिशुओं की विभिन्न कारणों से मौत हो गई। जबकि, अन्य 12 वयस्कों की भी मौत हुई है, जिनमें से ज्यादातर सांप के काटने, आर्सेनिक और फास्फोरस विषाक्तता आदि के कारण मौत हो गई।
उन्होंने दावा किया कि कई मरीज दूर-दूर से आए थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारियों के स्थानांतरण के कारण हमारे लिए कुछ कठिनाई थी। हमें हाफकिन इंस्टीट्यूट से दवा खरीदनी थी लेकिन वह भी नहीं हुआ। साथ ही इस अस्पताल में दूर-दूर से मरीज आते हैं और कई मरीज ऐसे थे जिनके स्वीकृत बजट में भी बाधा आई। साफ तौर पर अस्पताल के अधिकारी इतने कम समय में बड़ी संख्या में मौतों पर टालमटोल कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत को बर्खास्त करने या इस्तीफे की मांग करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार पर हमला किया है। पूर्व सीएम और नांदेड़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने घटना के बाद अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इन मौतों के अलावा, जिले के अन्य निजी अस्पतालों से रेफर किए गए अन्य 70 मरीज 'गंभीर' बताए गए हैं। चव्हाण ने कहा कि अस्पताल के डीन ने कहा कि नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमी है। कुछ उपकरण काम नहीं कर रहे हैं और कुछ विभाग विभिन्न कारणों से चालू नहीं हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है।
शिवसेना (यूबीटी) की उप नेता सुषमा अंधारे ने लापरवाही का आरोप लगाया और अगस्त के मध्य में ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज सरकारी अस्पताल में 18 मरीजों की इसी तरह की मौत का जिक्र किया। अंधारे ने कहा, "यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्री सावंत अप्रभावी हैं और सीएम को या तो उनका इस्तीफा लेना चाहिए या उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।"
सरकार की आलोचना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने सामूहिक मौतों की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "यह ट्रिपल इंजन सरकार सभी 24 निर्दोष व्यक्तियों की मौत के लिए जिम्मेदार है।" एनसीपी के प्रवक्ता विकास लवांडे ने कहा कि ये मौतें सरकार की लापरवाही और मेडिकल सप्लाई की कमी के कारण हुई हैं। यह त्योहारों और आयोजनों का विज्ञापन करने वाली सरकार के लिए दुर्भाग्य है।
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