किसानों के आगे झुकी महाराष्ट्र सरकार, मानी अधिकतर मांग, मार्च रुका, अमल नहीं होने पर जारी रखने की चेतावनी

मार्च का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय किसान सभा के दर्जनों नेताओं के साथ लंबी बैठक के बाद शिंदे ने कहा कि हमने सभी मुद्दों पर बहुत उपयोगी बातचीत की और अधिकांश को सुलझा लिया गया है। मैं कल सुबह विधानसभा में एक बयान दूंगा।

फोटोः @CMOMaharashtra
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में नासिक से मुंबई तक मार्च कर रहे संकटग्रस्त किसानों से वार्ता के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उनकी अधिकतर मांगें मानने का ऐलान किया है। इसके बाद किसानों ने पुणे में अपना मार्च रोक दिया है, लेकिन कहा है कि अगर सरकार वादे पर अमल नहीं करती है तो मार्च जारी रहेगा। इसकी पुष्टि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय किसान सभा के नेताओं ने की है।

किसानों से वार्ता के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसानों की एक बड़ी जीत के रूप में महाराष्ट्र सरकार ने आज शाम किसानों की लगभग सभी मांगों को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद किसानों का नासिक-मुंबई लॉन्ग मार्च ठाणे के वाशिंद में रुक गया है। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के दर्जनों नेताओं के साथ लंबी बैठक के बाद शिंदे ने कहा, हमने सभी मुद्दों पर बहुत उपयोगी बातचीत की और अधिकांश को सुलझा लिया गया है। मैं कल सुबह विधानसभा में एक बयान दूंगा।


वहीं किसान नेता केपी गावित ने महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम से लंबी वार्ता के बाद कहा कि हमने 12-13 मांगें रखी हैं और उन सभी पर चर्चा की है लेकिन सरकार को किए गए फैसलों पर अमल करना है। पिछले 2 बार से अब तक कुछ नहीं हुआ इसलिए इस बार हमने सरकार को संकेत दिया है कि वह इसे लागू करना शुरू करें, नहीं तो जो लॉन्ग मार्च रुका हुआ है वह मुंबई की ओर बढ़ेगा।

एआईकेएस की ओर से घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए, माकपा विधायक विनोद निकोल ने कहा कि राज्य के अधिकार क्षेत्र से संबंधित अधिकांश को सुलझा लिया गया है, जबकि केंद्र के दायरे में आने वाली मांगों का अभी तक हल नहीं किया गया है। निकोल ने कहा कि हमने वाशिंद में 'लॉन्ग मार्च' को रोकने का फैसला किया है। जब तक सरकार अगले दो दिनों के भीतर हमारी मांगों को लागू करने के लिए जिला स्तर तक संबंधित आदेश जारी नहीं करती है, तब तक आंदोलन बंद नहीं किया जाएगा।

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