मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कोर्ट ने मौजूदा ‘जीएसटी ट्रिब्यूनल’ को ठहराया असंवैधानिक
जीएसटीएटी के गठन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने कहा कि सीजीएसटी अधिनियम 2017 के धारा 109 और 110 प्रथमदृष्ट्या भारत सरकार बनाम आर.गांधी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत हैं।
मद्रास हाई कोर्ट ने जीएसटीएटी को लेकर बड़ा फैसला दिया है। जीएसटी व्यवस्था के तहत गठित जीएसटीएटी के गठन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) की संरचना असंवैधानिक है। न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने माना है कि न्यायिक सदस्यों की संख्या तकनीकी सदस्यों की संख्या से अधिक होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान यह भी निष्कर्ष निकाला कि अधिवक्ताओं को जीएसटीएटी के न्यायाधीश/न्यायिक सदस्य बनने का मौलिक अधिकार नहीं है।
जीएसटीएटी के गठन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर फैसला देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि सीजीएसटी अधिनियम 2017 के धारा 109 और 110 प्रथमदृष्ट्या भारत सरकार बनाम आर.गांधी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत हैं।
वकील वी वसंतकुमार द्वारा दायर एक याचिका में कहा गया है कि सीजीएसटी अधिनियम 2017 के खंड 109 और 110 असंवैधानिक हैं, क्योंकि यह शक्तियों के पृथक्करण और स्वतंत्रता के सिद्धांतों के उल्लंघन के कारण शून्य, दोषपूर्ण और असंवैधानिक है।
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