मध्य प्रदेश: अधिकारी ने पत्नी के पक्ष में चुनाव परिणाम को किया 'प्रभावित', हंगामा होने पर हटाया गया
अवधेश तिवारी की पत्नी कृष्णावती रीवा जिले के सूरा ग्राम पंचायत में सरपंच पद के उम्मीदवारों में से एक थीं। कृष्णावती 20 मतों से चुनाव हार गई थी, लेकिन अवधेश तिवारी ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी को दोबारा मतगणना के लिए मजबूर किया।
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव अवधेश तिवारी पर अपनी पत्नी के पक्ष में पंचायत चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने का आरोप लगा है। इस पर हंगामा बढ़ने के बाद सत्ता के कथित दुरुपयोग के आरोप में अधिकारी को पद से हटा दिया गया है।
अवधेश तिवारी की पत्नी कृष्णावती रीवा जिले के सूरा ग्राम पंचायत (गंगेओ प्रखंड के अंतर्गत) में सरपंच पद के लिए उम्मीदवारों में से एक थीं। कृष्णावती तिवारी 20 मतों से चुनाव हार गई थी, जिसके बाद अवधेश तिवारी ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी को मतों की पुनर्गणना के लिए मजबूर किया।
आरोप है कि मतगणना के बाद कृष्णावती दीप्ति द्विवेदी से 12 मतों के अंतर से हार गई थीं। लेकिन अवधेश तिवारी ने फिर से चुनाव टीम को तीसरी बार वोटों की दोबारा गिनती करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद तीसरी बार मतगणना करने के बाद कृष्णा तिवारी को तीन मतों से विजेता घोषित कर दिया गया।
इसके बाद दूसरे और तीसरे उपविजेता रहे अन्य उम्मीदवारों ने सूरा ग्राम पंचायत में तैनात पीठासीन अधिकारी और पुलिस अधिकारियों पर कृष्णा तिवारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया।
उनके साथ जब गांव के लोगों ने चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं होने का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई, तो उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और चुनाव प्रभारी ने उनका आवेदन भी स्वीकार नहीं किया और मतदान केंद्र से बाहर चले गए।
सबूतों से पता चलता है कि दीप्ति द्विवेदी के परिवार के सदस्यों ने एसडीएम और अन्य चुनाव अधिकारियों को निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए मनाने की कोशिश की और फिर से मतगणना की मांग की, लेकिन अधिकारियों को यह कहते हुए सुना गया कि 'अब कुछ नहीं होगा'। इतना ही नहीं मतदान के दौरान मतदान पीठासीन अधिकारी शाम चार बजे टोकन बांटते दिखे। चुनाव आयोग द्वारा सुबह 7.30 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच मतदान का समय तय किया गया है।
चुनाव अधिकारियों या एसडीएम और जिला कलेक्टर से कोई जवाब नहीं मिलने पर सरपंच पद के उम्मीदवारों में से एक ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उन्हें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा ले जाया गया और इलाज के बाद चिकित्सा सुविधा से छुट्टी दे दी गई।
दीप्ति द्विवेदी को अभी भी उम्मीद है कि प्रशासन उनकी शिकायतों पर ध्यान देगा। उन्होंने कहा, "पिछले तीन दिनों से हम जिला कलेक्टर और एसडीएम से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी हमसे मिलने को तैयार नहीं है। वे अवधेश तिवारी के दबाव में हैं। हमारे पास इस बात के सभी सबूत हैं कि यहां सूरा ग्राम पंचायत में कैसे अनुचित चुनाव किया गया।"
दीप्ति द्विवेदी ने कहा कि इसके विरोध में वह जिला कलेक्टर कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करेंगी और जरूरत पड़ने पर राज्य चुनाव आयोग के पास जाएंगी। एक पराजित उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया है, यह अस्वीकार्य है।
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