मध्य प्रदेशः बीजेपी का ‘आधी आबादी’ से संकल्प, मगर मंच पर महिलाओं को ही जगह नहीं
मध्य प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में शनिवार को अजब नजारा देखने को मिला। पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं ने आधी आबादी के उत्थान और राजनीतिक हिस्सेदारी की बातें करते हुए ‘नारी शक्ति संकल्प पत्र’ जारी किया। लेकिन इस दौरान मंच पर एक भी महिला नेता को जगह नहीं मिली।
बीजेपी के मध्य प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को अजब नजारा देखने को मिला। पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने आधी आबादी के उत्थान, उनके कल्याण से लेकर राजनीतिक हिस्सेदारी की बातें करते हुए 'नारी शक्ति संकल्प पत्र' जारी किया। लेकिन इस दौरान मंच पर पार्टी की एक भी महिला नेता या पदाधिकारी कहीं नजर नहीं आईं।
राजधानी भोपाल के दीनदयाल परिसर स्थित भव्य सभागार में शनिवार को बीजेपी नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 'दृष्टि-पत्र' और महिला कल्याण एवं योजनाओं के लिए अलग से एक 'नारी शक्ति संकल्प पत्र' जारी किया। 'नारी शक्ति संकल्प पत्र' में वादा किया गया है कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूहों के लिए एक फंड की स्थापना होगी, 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी और महिला कौशल परामर्श केंद्र की स्थापना होगी।
संकल्प पत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध होने का दावा किया। सीएम शिवराज सिंह जब महिला सशक्तिकरण के लिए किये गए अपने कामों का बखान कर रहे थे और आगे की कार्ययोजना पेश कर रहे थे, उस समय मंच पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, थावर चंद्र गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, उपाध्यक्ष प्रभात झा, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, 'दृष्टि-पत्र' बनाने वाली समिति के प्रमुख विक्रम वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे। लेकिन इस दौरान मंच पर कहीं भी एक भी महिला पदाधिकारी नजर नहीं आई।
बीजेपी की राज्य इकाई के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पारासर से जब महिलाओं की मंच से अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने बस इतना ही कहा, “ऐसा क्यों हुआ, मुझे इस बारे में जानकारी नहीं।” ऐसे में बीजेपी के इस संकल्प पर ही कई सवाल उठने लगे हैं।
बीजेपी के संकल्प पत्र की हकीकत क्या है इसका पता इसी बात से चलता है कि एक ओर जहां सीएम शिवराज महिलाओं के हितों की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने पार्टी में महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी से न केवल बगावत की है, बल्कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इतना ही नहीं कटनी जिले से जिला पंचायत सदस्य और बीजेपी नेता विद्या पटेल ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दियाहै। उन्होंने पार्टी पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।
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