शिव‘राज’ में गुरू से गुंडई, एबीवीपी के गुंडों से पैर पकड़कर मांगनी पड़ी प्रोफेसर को माफी
मंदसौर के राजीव गांधी पीजी कॉलेज में हुई इस शर्मनाक घटना के बाद भी एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रोफेसर के सम्मान को लगतार ठेस पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पैर पकड़कर माफी मांगने वाले प्रोफेसर की दिमागी हालत ठीक नहीं है।
भारतीय संस्कृति और समाज में शिक्षकों का स्थान कितना ऊंचा है, यह कबीर के इस दोहे से स्पष्ट है जिसमें उन्होंने कहा है, “गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय। ” लेकिन बीजेपी और उसकी छात्र इकाई एबीवीपी शिक्षकों और गुरुओं का कितना सम्मान करती है, इसका सबूत मध्य प्रदेश के एक कॉलेज में एक प्रोफेसर के साथ हुई शर्मनाक घटना से मिलता है।
घटना मंदसौर के राजीव गांधी पीजी कॉलेज की है, जहां के एक प्रोफेसर को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पैर पकड़कर माफी मांगने के लिए मजबूर किया। बीते 26 सितंबर को प्रोफेसर दिनेश गुप्ता अपनी क्लास में बच्चों को पढ़ा रहे थे, तभी वहां एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी से प्रोफेसर दिनेश गुप्ता को बच्चों के पढ़ाने में परेशानी होने लगी, जिसपर उन्होंने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को हंगामा बंद करने के लिए कह दिया। लेकिन हंगामा बंद करने की जगह एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर गुप्ता को देशद्रोही कहना शुरू कर दिया और कहा कि वो माफी मांगें वर्ना उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जब प्रोफेसर दिनेश गुप्ता ने ये सुना कि एबीवीपी कार्यकर्ता उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर करने की बात कर रहे हैं, तो वो घबरा गए और एबीवीपी कार्यकर्ताओं का पैर पकड़कर माफी मांगने लगे।
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रोफेसर दिनेश गुप्ता वहां मौजूद एबीवीपी कार्यकर्ताओं का पैर पकड़ कर माफी मांग रहे हैं। हालांकि, इससे चकित एबीवीपी कार्यकर्ता इधर-उधर हटते हुए दिख रहे हैं। लेकिन फिर भी प्रोफेसर गुप्ता ने भाग-भाग कर उनके पैर पकड़कर माफ़ी मांगी। वीडीयो में वो साफ कहते सुने जा रहे हैं कि ‘आओ... और किस से माफी मांगनी है।’ जब वहां मौजूद कुछ छात्रों ने उन्हें पैर पकड़ने से मना किया तो प्रोफेसर गुप्ता ने तंज कसते हुए ये भी कहा, “नहीं... मैं तो पढ़ाने का जुर्म करता हूं।”
बता दें कि कॉलेज परिसर में एबीवीपी कार्यकर्ता चौथे सेमेस्टर के रिजल्ट में हो रही देरी के खिलाफ नारे लगा रहे थे। नारेबाजी से पढ़ाने में परेशानी होने पर प्रोफेसर गुप्ता ने नारेबाजी कर रहे छात्रों को कॉलेज के बाहर जाकर हंगामा करने के लिए कह दिया। एबीवीपी के लोगों का कहना है कि प्रोफेसर गुप्ता ने भारत माता की जय का नारा लगाने से रोका इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा करने की बात कही गई थी। लेकिन प्रोफेसर दिनेश गुप्ता ने कहा कि वह देशद्रोही नहीं हैं और हजार बार भारत माता की जय का नारा लगा सकते हैं। उन्होंने बच्चों को नारेबाजी से इसलिए मना किया क्योंकि क्लास में पढ़ाई चल रही थी और हंगामे की वजह से पढ़ाना मुश्किल हो रहा था। प्रोफेसर गुप्ता ने कहा, “वो मुझे देशद्रोही बता रहे थे। मैं क्या करता? वो मेरे खिलाफ शिकायत देना चाहते थे। वो छात्र नहीं हैं और वो क्लास में भी नहीं आते हैं।”
हालांकि इस घटना के बाद एबीवीपी के जिला संयोजक पवन शर्मा ने थोड़ी शर्मिंदगी जताई और कहा, “सर ने जो किया मुझे वो बुरा लगा। हमने उन्हें रोका भी था लेकिन वो नहीं माने। बाद में हम लोगों ने उनसे माफी भी मांगी थी।” इस मामले में हैरानी की बात ये है कि कॉलेज के एबीवीपी अध्यक्ष राधे गोस्वामी ने इस पूरे मामले में अपनी गलती मानने की जगह प्रोफेसर गुप्ता को ही दिमागी तौर पर कमजोर करार दे दिया। उसने कहा कि गलती प्रोफेसर की है। राधे गोस्वामी ने कहा कि प्रोफेसर की दिमागी हालत ठीक नहीं थी, इसीलिए उन्होंने सब के पैर पकड़ कर माफी मांगी।
इस घटना ने ना सिर्फ देश को शर्मसार कर दिया है, बल्कि देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयो में एबीवीपी के जरीये माहौल खराब करने की कोशिशों का भी सबूत दिया है।
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