लखनऊ: ‘हजरतगंज’ के बाद बदले जाएंगे ‘अंधे की चौकी’, ‘लंगड़ा फाटक’ के नाम, निगम ने कहा- विकलांगों का हो रहा अपमान
लखनऊ नगर निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि पहले यह नाम चलन में थे, लेकिन अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगों को खास नाम दिव्यांग दिया है। इसलिए इन जगहों के नाम बदलने का फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में शहरों और जगहों के नाम बदले जाने का सिलसिला जारी है। अब लखनऊ में नगर निगम ने चौक और चौराहों के नाम बदलने का फैसला लिया है। नगर निगम ने कहा है कि ‘अंधे की चौकी’ और ‘लंगड़ा फाटक’ के नाम बदले जाएंगे। निगम ने कहा है कि इन जगहों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जाएंगे। निगम के मुताबिक, मौजूदा नाम से दिव्यांगों के साथ अन्याय हो रहा है।
लखनऊ नगर निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा, “शहर में ‘लंगड़ा फाटक’ और ‘अंधे की चौकी’ के नाम से कुछ जगह हैं, जो ठीक नहीं है। पहले यह नाम चलन में थे, लेकिन अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगों को खास नाम दिव्यांग दिया है। इसलिए इन जगहों के नाम बदलने का फैसला लिया गया है। हम इस मामले को नगर निगम की वर्किंग कमिटी के पास भेजेंगे। और जल्द ही इस तरह के जगहों के नाम बदल दिए जाएंगे।”
गौरतलब है कि 2015 में पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में देश में विकलांगों को दिव्यांग कहकर बुलाया जाने की अपील की थी। तब से विकलांगों को लोग दव्यांग कह कर बुला रहे हैं। लखनऊ नगर निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया ने अपने बयान में पीएम मोदी की इसी अपील का जिक्र किया है और नाम चौक-चौराहों के नाम बदलने की बात कही है।
इससे पहले लखनऊ के हजरतगंज चौराहे का नाम अटल चौराहा रखा गया था, जिसके बाद कुछ लोगों ने नाम बदलने का विरोध किया था। राज्य में लगातार कई जगहों और शहरों के नाम बदले गए हैं, इनमें इलाहाबाद और मुगलसराय स्टेशन के नाम प्रमुख हैं।
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