लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्पीकर को लिखा पत्र, भाषण के हटाए गए अंश को रिकॉर्ड में शामिल करने की अपील

स्पीकर ओम बिरला को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को हटाने की शक्तियां प्राप्त हैं, लेकिन यह केवल उन शब्दों के लिए है, जिनकी प्रकृति प्रक्रिया और आचरण के नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में दिए अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से निकाले जाने पर अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि यह चुनिंदा ढंग से की गई कार्रवाई है जो तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि उनके भाषण से हटाए गए अंश को फिर से कार्यवाही के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए।

राहुल गांधी ने सोमवार को बीजेपी पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था। नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंश आसन के निर्देशानुसार सदन की कार्यवाही से हटा दिए गए।

स्पीकर ओम बिरला को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को हटाने की शक्तियां प्राप्त हैं, लेकिन यह केवल उन शब्दों के लिए है, जिनकी प्रकृति प्रक्रिया और आचरण के नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है।

उन्होंने कहा कि मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि किस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को कार्यवाही से हटा दिया गया है। राहुल गांधी ने कहा, "मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं। मैंने सदन में जो कहना चाहा वह जमीनी हकीकत और तथ्यात्मक स्थिति है। सदन का प्रत्येक सदस्य जो लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हासिल है।"


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों की चिंताओं को सदन में उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है। राहुल गांधी का कहना था, "देश के लोगों के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए मैं कल इस अधिकार का उपयोग कर रहा था।"

उन्होंने स्पीकर बिरला को लिखे अपने पत्र में कहा कि मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा, "इस संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर (भाजपा सांसद) के भाषण पर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था। हालांकि, हैरानी की बात ये है कि उनके भाषण से केवल एक शब्द को हटाया गया है।"

उन्होंने कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से निकाली गई टिप्पणियों को फिर से शामिल किया जाए।

इससे पहले राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं कहा, "मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई एक्सपंज नहीं हो सकती। जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया। वह सच्चाई है। जितना एक्सपंज करना है करें, सच्चाई तो सच्चाई होती है।"

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