लोकसभा चुनाव: देवरिया सीट हारेगी बीजेपी! जनता बोली- सरकार ने ‘बांटो और राज करो’ के आधार पर किया काम

देवरिया के धनपत का कहना है कि सरकार ने बहुत सारी याजनाएं चलाईं, लेकिन उनका लाभ नहीं मिला है। यहां के दीनानाथ ने कहा कि शौचालय बनने से गंदगी कम हुई है। बजरहा टोला के रफीक का कहना है कि इस सरकार ने केवल ‘बांटो और राज करो’ के आधार पर काम किया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

देवराहा बाबा की धरती के नाम से मशहूर देवरिया लोकसभा सीट इस बार त्रिकोणीय भंवर में फंसी है। बीजेपी ने इस बार अपना प्रत्याशी बदलकर जूता कांड में प्रसिद्धि पाने वाले सांसद शरद त्रिपाठी के पिता और वरिष्ठ बीजेपी नेता रामरमापति त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं समाजवादी पार्टी-बीएसपी ने विनोद जायसवाल पर अपना दांव लगाया है तो कांग्रेस ने नियाज अहमद पर भरोसा जताया है।

मोदी लहर में ढाई लाख वोटों से चुनाव जीतने वाले कलराज मिश्र ने यहां पर बाहरी उम्मीदवार होने के बाद भी जीत हासिल की थी, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी को बाहरी प्रत्याशी भारी पड़ सकता है। कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में भी रोष है। ऊपर से बीएसपी ने जायसवाल को उतारकर बीजेपी के वोटों में सेंधमारी करने का प्रयास भी किया है। बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय के बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने से बीजेपी को कुछ वोटों के नुकसान की भी चर्चा हो रही है।


वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव दत्त पांडेय की मानें तो लड़ाई बीजेपी और गठबंधन के बीच है। लेकिन कांग्रेस अपने परंपरागत वोटों की लड़ाई लड़ रही है। यहां पर बाहरी होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

देवरिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर बीजेपी के विधायक हैं। केवल एक तमकुहीराज क्षेत्र पर कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू काबिज हैं। गठबंधन के साथ दलित, यादव मजबूती से लामबंद हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने मुस्लिम वोटों में अच्छी सेंध लगा रखी है तो गठबंधन प्रत्याशी ने स्वजातीय वोटरों की अच्छी तादाद को लुभाया है। ऐसे में हालात कांटे की टक्कर के हैं।


रामपुर कारखाना के धनपत का कहना है कि सरकार ने बहुत सारी याजनाएं चलाईं, लेकिन उनका लाभ नहीं मिला है। यहां के दीनानाथ ने कहा कि शौचालय बनने से गंदगी कम हुई है। बजरहा टोला के रफीक का कहना है कि इस सरकार ने केवल ‘बांटो और राज करो’ के आधार पर काम किया है। राष्ट्रवाद के नाम पर सिर्फ हवाहवाई बातें हो रही है। यहीं के रहने वाले आकाश ने कहा कि इस सरकार ने शौचालय और गांवों में बिजली दी। किसानों का निधि देकर सम्मान बढ़ाया है। इसीलिए यह सरकार आना जरूरी है।

यहां पर कुल मतदाता 17,29,583 है। जिसमें पुरुष मतदाता 9,44,821 और महिला मतदाता 7,84,666 हैं। 96 अन्य मतदाता के रूप में शामिल हैं। जाति के आधार पर देखा जाए तो यहां पर सामान्य वर्ग की आबादी 81 फीसदी है तो अनुसूचित जाति कीआबादी 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की महज 4 फीसदी आबादी है।

इस सीट पर 19 मई को मतदान होगा। जबकि 23 मई को मतगणना होगी। अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर मतदान होना है।

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