लोकसभा चुनाव: 2019 से बिल्कुल अलग होगी इस बार की चुनावी जंग! जानें किस पार्टी का कितना है दम?

इस बार ना सिर्फ NDA और INDIA गठबंधनों के बीच चुनावी मुकाबला होगा बल्कि स्थानीय पार्टियां भी खेल बिगाड़ने की पूरी कोशिश करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अब से कुछ देर बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा। जिसके बाद साफ हो जाएगा कि देश में किस दिन और कितने चरणों में चुनाव होंगे। इस बीच सबकी नजरें इस पर भी टिकीं हैं कि इस बार किस पार्टी का दम देखने को मिलेगा। आपको हम बताते है कि आखिर किस राज्य में किस दल के पास कितना दम है। इतना ही नहीं इसके साथ आपको ये भी बताएंगे कि 2024 का चुनाव 2019 से कैसे अलग है।

NDA vs INDIA vs अन्य?

इस चुनाव में तीन मुख्य राजनीतिक गुट है। पहला BJP के नेतृत्व वाली NDA, दूसरा INDIA गठबंधन है, वहीं तीसरा वो पार्टियां हैं जो इन दोनों गठबंधनों से अलग है। इन पार्टियों की सूची में बीएसपी, बंगाल में टीएमसी, केरल और बंगाल में लेफ्ट, ओड़िशा में बीजेडी, तमिलनाडु में एआईएडीएमके, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना में बीआरएस, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और असम में एआईयूडीएफ शामिल हैं।

साल 2019 से इस बार का चुनाव कई मायनों में अलग है। सबसे अहम है खेमे बदलने का। साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार कई पार्टियां ऐसी हैं जो पिछले चुनाव में विपक्षी खेमे में थीं, वह अब एनडीए के पाले में हैं। यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी, बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टियां 2019 में विपक्षी खेमे में थीं। टीडीपी भी इस बार एनडीए के पाले में चली गई है। इनके अलावा कई ऐसी पार्टियां भी हैं जो एनडीए छोड़ गए थे और बाद में इन दलों के नाम-निशान के साथ एक धड़ा गठबंधन में लौट आया। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) इसी कैटेगरी में आती हैंय़ उद्धव ठाकरे और शरद पवार विपक्षी INDIA ब्लॉक में हैं लेकिन उनकी पार्टियों के नाम और निशान के साथ शिंदे और अजित पवार एनडीए के खेमे में हैं।

किस राज्य में किस पार्टी का कितना दम?

उत्तर प्रदेश: पिछले चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 64 सीटें एनडीए ने जीती थीं। बीजेपी को 62, अपना दल एस को दो सीटों पर जीत मिली थी। विपक्षी बीएसपी 10, एसपी पांच और कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल रही थी

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की 48 में से 41 सीटें एनडीए के हिस्से आई थी। बीजेपी ने 23 और अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं। अविभाजित एनसीपी को चार, कांग्रेस को एक, एआईएमआईएम को एक सीट पर जीत मिली थी। एक सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीता था।

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल की 42 में से 22 सीटें टीएमसी, 18 बीजेपी और दो कांग्रेस ने जीती थी

तमिलनाडु: तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं। 2019 के चुनाव में डीएमके को 23, कांग्रेस को आठ, माकपा और भाकपा को दो-दो, आईएमएल को एक और एआईडीएमके को एक सीट पर जीत मिली थी।

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें बीजेपी ने जीती थीं। कांग्रेस केवल एक सीट पर सिमट गई थी। छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस के नकुलनाथ जीते थे।

कर्नाटक: कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटें हैं। 2019 में बीजेपी को 25, जेडीएस को एक, कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी। एक सीट अन्य के हिस्से में गई थी। हालांकि, इस बार परिस्थितियां अलग हैं। तब सूबे की सत्ता पर काबिज रही बीजेपी अब विपक्ष में है और कांग्रेस की सरकार है।

गुजरात: गुजरात में लोकसभा की कुल 26 सीटें हैं। पिछले चुनाव में सभी सीटों से बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे।

आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं। 2019 में सूबे की सत्ता पर काबिज वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीती थीं। टीडीपी को तीन सीटों पर जीत मिली थी। इस बार टीडीपी, बीजेपी और पवन कल्याण की पार्टी से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही है।

राजस्थान: राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। 2019 में एनडीए ने सभी सीटें जीत ली थीं। बीजेपी को 24 सीटों पर जीत मिली थी जबकि एक सीट से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल संसद पहुंचे थे। इस बार बेनीवाल की पार्टी और बीजेपी का गठबंधन नहीं है।

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