लॉकडाउन 5: दिल्ली में क्या खुलेगा और किस पर जारी रहेगी पाबंदी, सीएम केजरीवाल ने किया ऐलान
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऑटो-रिक्शा में एक सवारी पर से प्रतिबंध हटाया जा रहा है। पहले दुपहिया और चार पहिया गाड़ियों पर जो सवारियों पर प्रतिबंध था वो भी हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब से सभी दुकानें भी खुल सकती हैं।
देश भर में आज से कोरोना लॉकडाउन 5 की शुरूआत हो गई है। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन पांच के मद्देनजर राजधानी के लिए कुछ नई गाइडलाइंस के बारे में जानकारी कर दी है। उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा कि अगले एक हफ्ते तक दिल्ली के बॉर्डर सील रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं को आने-जाने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक जो भी अनुमति दी गई थी, उसके अलावा नाई की दुकानें और सैलून खोले जाएंगे, लेकिन स्पा बंद रहेंगे।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि ऑटो-रिक्शा में एक सवारी पर से प्रतिबंध हटाया जा रहा है। पहले दुपहिया और चार पहिया गाड़ियों पर जो सवारियों पर प्रतिबंध था वो भी हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम बाजारों में दुकानें खोलने के लिए ऑड-ईवन नियम का पालन कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं बताया है। इसलिए अब से सभी दुकानें खुल सकती हैं।
दिल्ली के सीएम ने आगे कहा, “अनलॉक के लिए मुझे आपके सुझावों की जरूरत है। आप अपने सुझाव शुक्रवार 5 बजे तक व्हाट्स एप नंबर- 8800007722 या ई मेल-delhicm.suggestions@gmail.com पर भेज सकते हैं। अगर आपके पास व्हाट्स एप नहीं है तो आप 1031 पर फोन करें, आपके सुझाव रिकॉर्ड कर लिए जाएंगे।”
इससे पहले सीएम केजरीवाल ने कहा था कि फिलहाल कोरोना वायरस का कोई पूर्ण इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की हालत और खस्ता होती जा रही है। इस दौरान उन्होंने संकेत दिए थे कि धीरे-धीरे बाजार खोले जाएंगे।
वहीं, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए केंद्र से पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। सिसोदिया के पास वित्त विभाग का भी प्रभार है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर महीने 3,500 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उन्होंने केंद्र से पांच हजार करोड़ रुपये मांगे हैं, क्योंकि दिल्ली को आपदा राहत कोष से कुछ भी नहीं मिला, जबकि दूसरे राज्यों को मिला है।
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