LIVE : कांग्रेस का आरोप, महाभियोग प्रस्ताव जल्दबाजी में खारिज करना अवैध
संविधान की रक्षा करना कांग्रेस का कर्तव्यः राहुल गांधी
महाभियोग प्रस्ताव पर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह देश हममें से हर किसी का है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “ देश के संविधान, संस्थाओं और हमारे सभी नागरिकों की रक्षा करना कांग्रेस का कर्तव्य है।”
वेंकैया नायडू के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगेः कांग्रेस
सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सभापति महोदय ने दायरे से बाहर जा कर असंवैधानिक कदम उठाया है। सिब्बल ने कहा, ये एक ऐसा फैसला है जो पहले कभी किसी सभापति ने नहीं लिया। ये फैसला अपने आप में गैर कानूनी है, हम उनके फैसले को चुनौती देने के लिए निश्चित तौर पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।
सीजेआई के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर, सरकार जांच दबाना चाहती हैः कांग्रेस
उपराष्ट्रपति के फैसले के बाद कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि सभापति महोदय ने बिना जांच के ही फैसला कर दिया कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि इस मामले की जांच हो, सरकार इसकी जांच दबाना चाहती है। इस मामले में आरोप बड़े गंभीर हैं। सिब्बल ने कहा कि जो भी आरोप लगे हैं वो किसी पार्टी ने नहीं लगाए हैं बल्कि जनता के सामने कई महीनों से हैं।
महाभियोग प्रस्ताव को शुरुआती स्तर पर ही खारिज करना अभूतपूर्वः कपिल सिब्बल
सीजेआई के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुआ है जब संसद के सदस्यों द्वारा पेश किए गए महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा भी नहीं की गई। सिब्बल ने कहा कि जब राज्यसभा के सदस्य किसी जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करते हैं तो उस प्रस्ताव पर राज्य सभा के सभापति द्वारा अपने न्यायिक और अर्द्ध न्यायिक क्षमता के परे जाकर निर्णय लेना था। उन्होंने कहा, “महाभियोग प्रस्ताव जैसे मुद्दों को इतनी जल्दबाजी में खारिज नहीं किया जाना चाहिए। प्रस्ताव पेश करना हमारा विशेषाधिकार है।”
सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज करना अवैधः कपिल सिब्बल
राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू द्वारा 7 विपक्षी दलों द्वारा पेश महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि ये फैसला अवैध है।
महाभियोग प्रस्ताव खारिज करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ध्वस्त करने की कोशिशः सीताराम येचुरी
सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्षी दलों के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर सीपाएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जजों की नियुक्ति में दखल देकर बीजेपी सरकार न्यायपालिका का गला घोंटने की कोशिश कर चुकी है। महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज किया जाना न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ध्वस्त करने की दिशा में एक और कदम है।
विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आदेश की अहम बातें
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों की तरफ से दिए गए महाभियोग नोटिस को खारिज कर दिया। महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करते हुए वेंकैया नायडू ने अपने आदेश में कहा कि प्रस्ताव में सीजेआई पर लगाए गए आरोपों में जांच योग्य कोई सत्यता नहीं है। आइए जानते हैं वेंकैया नायडू के आदेश के कुछ अहम बिंदुः
- विपक्षी सांसदों के महाभियोग नोटिस पर अपने फैसले में वेंकैया नायडू ने कहा कि उनका दृढ़तापूर्वक मानना है कि महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है।
- महाभियोग नोटिस को खारिज करने के कारण बताते हुए वेंकैया नायडू की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि महाभियोग प्रस्ताव में लगाए गए आरोप न तो सही हैं और न ही उन्हें स्वीकार किया जा सकता है। इस मामले में लगाए गए आरोपों का तात्पर्य न्यायपालिका की आजादी को कमजोर करना है।
- महाभियोग प्रस्ताव में सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ खराब आचरण के आरोप पर अपने आदेश में वेंकैया नायडू ने कहा कि दीपिक मिश्रा के खिलाफ सीजेआई के पद पर रहते हुए, ऐसा कोई मामला नहीं आया है, जिससे उनके व्यवहार पर संदेह किया जाए। आपके पास भी आरोप के अलावा कोई सबूत नहीं है।
- सीजेआई दीपक मिश्रा पर प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के मामले में याचिकाओं को प्रशासनिक और न्यायिक परिप्रेक्ष्य में प्रभावित करने के आरोपों पर वेंकैया नायडू ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले की शुरुआती जांच में दीपक मिश्रा का नाम लिया जा रहा था, लेकिन व्यापक जांच के बाद इनकी भूमिका नहीं सामने आई। जहां तक इस मामले में प्रशासनिक और न्यायिक परिप्रेक्ष्य में जांच को प्रभावित करने की बात है कि इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं।
- सीजेआई दीपक मिश्रा पर सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर में मनमाने ढंग से बदलाव करने के आरोप पर वेंकैया नायडू ने कहा कि ये आरोप गलत है। क्योंकि रोस्टर बनाने का अधिकार चीफ जस्टिस के पास होता है। नियम के मुताबिक सीजेआई 'मास्टर ऑफ द रोस्टर' होते हैं। पिछले दिनों उठे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए इसे सुलझा लेने का भरोसा दिया है। ऐसे में अब सीजेआई पर सवाल उठाना सही नहीं है।
- वेंकैया नायडू ने अपने आदेश में सीजेआई पर लगे आरोपों को ‘अनावश्यक कयास’ करार देते हुए कहा, “प्रस्ताव में जिन तथ्यों के बारे में कहा गया है उससे इसका कोई वास्तविक कारण नहीं बनता है कि प्रधान न्यायाधीश को दुर्व्यवहार के लिए गलत ठहराया जाए।”
- प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए आरोपों में दुर्व्यवहार या अक्षमता को लेकर कोई भी विश्वसनीय और सत्यापन योग्य तथ्यों का जिक्र नहीं किया गया है, केवल कयासों के आधार पर आरोप लगाए गए।
- प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ कोई भी आरोप सत्यापन योग्य नहीं है।
- जिन सांसदों ने महाभियोग का नोटिस दिया वह खुद ही आरोपों के बारे में निश्चित नहीं थे क्योंकि उन्होंने ऐसा हो सकता है, शायद या ऐसा लगता है, जैसे शब्दों का प्रयोग किया, जिसे प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ संवैधानिक सबूत के तौर पर नहीं माना जा सकता है।
- जिन माननीय सांसदों ने यह प्रस्ताव पेश किया, उन्होंने मीडिया में इस पर चर्चा कर संसदीय रिवाजों और परंपराओं के साथ ही प्रधान न्यायाधीश की संस्था का अनादर किया है।
न्यायिक आदर्श, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा खतरे में, हम लड़ेंगेः राजीव गौड़ा
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू दवारा सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्षी दलों के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर राज्य सभा सांसद और कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि भारत के लोग न्यायपालिक, संसद, आरबीआई, चुनाव आयोग, सतर्कता आयोग मीडिया समेत उन सभी संस्थानों में भरोसा खोते जा रहे हैं। राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, “देश में आज न्यायिक आदर्श, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा खतरे में है। 1000 कांट-छांट से लोकतंत्र की मौत, मोदी सरकार की मानक शल्य प्रक्रिया है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।”
सभापति के पास महाभियोग प्रस्ताव की योग्यता तय करने का अधिकार नहींः रणदीप सुरजेवाला
सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज किए जाने पर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के फैसले पर निशाना साधा है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि महाभियोग लाने के लिए 50 सांसदों की आवश्यकता होती है, जो कि हमारे पास थी।
सुरजेवाला ने आगे लिखा, “राज्यसभा के सभापति प्रस्ताव की योग्यता तय नहीं कर सकते हैं। वास्तव में यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने वालों और लोकतंत्र को खारिज करने वालों के बीच में है।”
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि प्रस्ताव पेश होने वाले दिन ही राज्य सभा सभापति को एक तरह से फैसला निर्देशित करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने उसे ‘रिवेंज पेटीशन’ बताया था। क्या वह रिवेंज पेटीशन अब बचाव आदेश बन गया है?
एक और ट्वीट में सुरजेवाला ने एम कृष्णा स्वामी केस का हवाला देते हुए लिखा, राज्यसभा के सभापति प्रशासनिक शक्ति के अभाव में इस तरह का फैसला नहीं कर सकते हैं। सुरजेवाला ने लिखा कि अगर सभी आरोपों को जांच से पहले ही साबित किया जाना है तो संविधान और न्याायधीश (जांच) एक्ट का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने का आधार वैध नहींः केटीएस तुलसी
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू द्वारा सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि उपराष्ट्रपति द्वारा महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के लिए दिया गया आधार वैध नहीं है।
महाभियोग प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति ने सही फैसला लियाः सुब्रमण्यम स्वामी
सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्षी दलों के महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा खारिज किए जाने को सही बताते हुए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस पर फैसला लेने में उपराष्ट्रपति को दो दिन का वक्त नहीं लेना चाहिए था। स्वामी ने कहा, “इस प्रस्ताव को शुरुआत में ही खारिज कर देना चाहिए था। कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव लाकर आत्महत्या की है।”
महाभियोग प्रस्ताव खारिज किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं विपक्षी दल
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ 7 विपक्षी दलों के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। मीडिया की खबरों के मुताबिक कांग्रेस इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने का विचार कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि वह उपराष्ट्रपति के फैसले का अध्ययन करने के बाद हीआगे के कदम पर कोई फैसला लेगी।
महाभियोग प्रस्ताव में दिए पांचों आरोपों की अपने विवेक से जांच के बाद किया खारिज करने का फैसला : वेंकैया नायडू
महाभियोग प्रस्ताव खारिज किए जाने पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि, “मैंने प्रस्ताव में दिए गए सभी पांच आरोपों को अपने विवेक से जांचा परखा। प्रस्ताव में वर्णित पांचों आरोप के आधार पर महाभियोग का प्रस्ताव नहीं बनता है। इन आरोपों के आधार पर कोई भी समझदार व्यक्ति मुख्य न्यायाधीश को दुर्व्यहवहार का दोषी नहीं मान सकता।”
64 सांसदों के हस्ताक्षर होने पर भी प्रस्ताव खारिज होना आश्चर्यजनक : प्रशांत भूषण
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि उप राष्ट्रपति को सिर्फ यह देखना होता है कि प्रस्ताव पर 50 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं। उसके बाद तीन जजों की कमेटी इस पर फैसला करती। लेकिन 64 सांसदों के हस्ताक्षर होने के बाद भी प्रस्ताव खारिज होना आश्चर्यजनक है।
सिर्फ एक दिन में प्रस्ताव खारिज करने का फैसला अनपेक्षित : अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि महाभियोग प्रस्ताव खारिज होना अपेक्षित था। लेकिन जो अनपेक्षित हुआ है वह सिर्फ एक दिन में इस प्रस्ताव पर फैसला कर लेना। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश स्वंय प्रशासनिक कार्यों से खुद को अलग कर लेंगे।
प्रस्ताव खारिज होने का कारण सामने आने के बाद करेंगे अगले कदम पर फैसला : कांग्रेस
महाभियोग प्रस्ताव खारिज होने पर कांग्रेस ने कहा है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। कांग्रेस नेता पी एल पूनिया ने कहा है कि, “हमें नहीं पता है कि किस आधार पर प्रस्ताव खारिज किया गया है। कांग्रेस इस मुद्दे पर दूसरे दलों से बात करेगी और कानून विशेषज्ञों की राय लेने के बाद अगले कदम का फैसला करेगी।”
उपराष्ट्रपति ने खारिज किया चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव
कांग्रेस की अगुवाई में 7 राजनीतिक दलों द्वारा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है।
उन्होंने रविवार को ही इस बारे में कानूनी जानकारों और संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा शुरु कर दिया था। वे अपना हैदराबाद दौरा बीच में ही छोड़कर दिल्ली वापस आ गए थे।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व कानून सचिव पीके मल्होत्रा और पूर्व संसदीय सचिव संजय सिंह से बात की थी। इसके अलावा उन्होंने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से भी राय-मशविरा किया। सूत्रों का कहना है कि नायडू ने इस सिलसिले में राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की। बताया जाता है कि वेंकैया नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी से भी राय ली थी
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