पुल गिरे तो गिरे, सरकार नहीं गिरनी चाहिए... बिहार में गिरते पुलों को लेकर विपक्षी नेताओं ने नीतीश सरकार को घेरा

कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ विधानसभा परिसर के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ये यह बताने के लिए है कि जिस तरह से आप लोग सब्जियों के रंग को नहीं बदल सकते ठीक उसी तरह आप लोग संविधान को भी नहीं बदल पाओगे।

बिहार में गिरते पुलों को लेकर विपक्षी नेताओं ने नीतीश सरकार को घेरा
बिहार में गिरते पुलों को लेकर विपक्षी नेताओं ने नीतीश सरकार को घेरा
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नवजीवन डेस्क

बिहार में लगातार गिरते पुलों को लेकर आरजेडी सहित अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू विधानसभा सत्र के पहले दिन जेडीयू और बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने पोस्टर लेकर बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए, जिसपर लिखा था- पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए।

आरजेडी विधायक ने कहा, प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस सरकार को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। मुकेश रोशन ने कहा, “मैं कोई कटाक्ष नहीं कर रहा हूं। मैं अपने पोस्टर के माध्यम से राज्य सरकार की सच्चाई बयां करने की कोशिश कर रहा हूं कि पुल गिरे तो गिरे, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए। डबल इंजन की सरकार है। इसलिए हम लोग अवाम के मुद्दों को लेकर सदन में पुरजोर तरीके से उठाने का काम करेंगे। जिस तरह से मुख्यमंत्री को पदाधिकारियों के सामने गिरगिराना पड़ रहा है, उससे यह साफ जाहिर है कि वो थक चुके हैं। उनकी वार्ता शैली और कार्यशैली यह साफ बता रही है कि वो अब बिहार संभाल पाने की स्थिति में नहीं हैं।”


वहीं, एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमाम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “सीमांचल का सबसे बड़ा मुद्दा कटाव और विस्थापन है। हमारे यहां हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं सरकार ने अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं दी है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि राहत कोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है और यह आपदा पीड़ित नालंदा के होंगे तभी होगा, क्या सीमांचल के होंगे तो नहीं होगा। अपनी इसी बात को मैं सरकार तक पहुंचाने के लिए यहां आया हूं। अब तक सीमांचल क्षेत्र में कई मकान डूब चुके हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।”

कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने भी अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की सब्जियों को साथ में लेकर विधानसभा परिसर के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस तरह आप (बीजेपी) लोगों को अपनी दुकान के आगे नेमप्लेट लगाने के लिए कह रहे हैं कि ये हिंदू का है या मुस्लिम का, या अगड़ा का है या पिछड़ा का, या उसका है या इसका, आखिर आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। आखिर आप लोग क्यों धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है।


शकील अहमद खां ने कहा कि क्या संविधान में ऐसा लिखा हुआ है कि दुकानें अलग-अलग धर्म के लोग लगाएंगे, अलग-अलग जगह पर लगाएंगे। अगर आप ऐसा करते हैं, तो मैं आपको बता दूं कि जब हम वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं, तो वहां ज्यादातर दुकानदार मुस्लिम समुदाय के होते हैं, तो क्या आप उन्हें भी बदलेंगे। बीजेपी द्वारा बनाई गई यह स्थिति भयावह है। इससे आप लोग धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का काम करेंगे। इससे समाज में वैमनस्यता ही फैलेगी, इसलिए आज हम लोग विभिन्न प्रकार की सब्जी लेकर एकत्रित हुए हैं, ये बताने के लिए कि जिस तरह से आप लोग सब्जियों के रंग को नहीं बदल सकते ठीक उसी तरह आप लोग संविधान को भी नहीं बदल पाओगे।”

वहीं, कांग्रेस विधायक राजेश राम ने भी बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, “मौजूदा सरकार की कार्यशैली की वजह से देश और संविधान दोनों ही खतरे में है। अगर समय रहते सरकार ने अपनी प्रवृत्ति नहीं बदली, तो आगामी दिनों में स्थिति और विकराल हो सकती है।”

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