लेबनान के राजदूत ने महात्मा गांधी के कथन को किया याद, कहा- 'आप एक क्रांतिकारी को मार सकते हैं, क्रांति को नहीं'
लेबनान के राजदूत ने कहा कि इजरायल द्वारा छेड़े गए युद्ध में उन्नत हथियार और प्रतिबंधित युद्ध सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है और इस युद्ध के कारण 2,100 से अधिक लोग मारे गए हैं, 11,000 घायल हुए हैं और 22 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
हिजबुल्ला के हसन नसरल्ला के उत्तराधिकारियों को मारे जाने की इजरायल की घोषणा के बाद भारत में लेबनान के राजदूत रबी नर्श ने महात्मा गांधी के कथनों का जिक्र करते हुए कहा कि हिजबुल्ला लोगों द्वारा समर्थित एक वैध राजनीतिक दल है और इसे समाप्त नहीं किया जा सकता।
राजदूत ने न्यूज़ एजेंसी ‘पीटीआई-वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे महात्मा गांधी के कथन याद आ रहे हैं। उन्होंने कहा था, "आप एक क्रांतिकारी को मार सकते हैं, लेकिन आप क्रांति को नहीं मार सकते। आप हिजबुल्ला के नेताओं को खत्म कर सकते हैं, लेकिन आप हिजबुल्ला को खत्म नहीं कर सकते, क्योंकि ये छिपकर नहीं रहते हैं। यह कोई काल्पनिक संरचना नहीं है जो ‘पैराशूट’ से लेबनान में आई है।"
नर्श ने कहा कि हिजबुल्ला ‘‘दुष्ट राष्ट्र’’ इजरायल के खिलाफ एक आंदोलन का प्रतीक है और इस आंदोलन को उसके नेताओं को खत्म करके कुचला नहीं जा सकता।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि उनके देश की सेनाओं ने हाल में मारे गए हिजबुल्ला नेता सैयद हसन नसरल्ला के संभावित उत्तराधिकारियों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया और उनका खात्मा कर दिया।
हिजबुल्ला औपचारिक रूप से ‘‘लेबनान पर इजरायली आक्रमण’’ का विरोध करने के लिए 1985 में अस्तित्व में आया।
राजदूत ने कहा, "हिजबुल्ला लेबनान में स्थापित राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत काम करता है। यह एक राजनीतिक दल है, जिसका प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल और संसद दोनों में है। हिजबुल्ला की एक सशस्त्र शाखा भी है।"
लेबनान के राजदूत ने कहा कि इजरायल द्वारा छेड़े गए युद्ध में उन्नत हथियार और प्रतिबंधित युद्ध सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है और इस युद्ध के कारण 2,100 से अधिक लोग मारे गए हैं, 11,000 घायल हुए हैं और 22 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिससे लेबनान में गंभीर मानवीय स्थिति उत्पन्न हो गई है।
राजदूत ने कहा, "स्थिति और बिगड़ती जा रही है और यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की ओर बढ़ रही है। दुर्भाग्य से, हम संघर्ष के इस संकटपूर्ण चरण का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इजरायल को उसकी आपराधिक नीतियों, युद्ध अपराधों और अपने पड़ोसियों के खिलाफ विस्तारवादी कार्रवाइयों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया गया है।"
नर्श ने कहा कि लेबनान पिछले वर्ष अक्टूबर से ही भारत समेत विश्व के देशों से आग्रह कर रहा है कि संघर्ष को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोका जाए।
इजरायल के हमलों में वृद्धि के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि फ्रांस इस महीने लेबनान के लिए मानवीय सहायता जुटाने और उसके दक्षिणी क्षेत्रों में सुरक्षा में सुधार लाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
राजदूत ने कहा, "हम वर्तमान में भारत से लेबनान के लिए चिकित्सा आपूर्ति की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें दवाइयां और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।"
उन्होंने भारत से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करने के लिए इजरायल पर अधिक दबाव डालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "नेतन्याहू नियंत्रण से बाहर हैं। वह हत्या और विनाश की होड़ में लगे हुए हैं, जो बहुत खतरनाक है। किसी को नेतन्याहू को रोकना होगा।"
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