पटना में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे गेस्ट शिक्षकों पर लाठीचार्ज, नौकरी से निकाले जाने का कर रहे थे विरोध

अतिथि शिक्षक पिछले 6 साल से उच्च माध्यमिक स्कूल में पढ़ा रहे थे। लेकिन अब नीतीश सरकार ने 31 मार्च से उन्हें सेवा मुक्त कर दिया है। शिक्षा विभाग का कहना है कि नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, इसलिए अब अतिथि शिक्षक की आवश्यकता नहीं है।

पटना में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे गेस्ट शिक्षकों पर लाठीचार्ज, नौकरी से निकाले जाने का कर रहे थे विरोध
पटना में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे गेस्ट शिक्षकों पर लाठीचार्ज, नौकरी से निकाले जाने का कर रहे थे विरोध
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नवजीवन डेस्क

बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया और उन्हें खदेड़ दिया। नौकरी से निकाले जाने के विरोध में अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे थे। पुलिस ने पहले तो आंदोलकारी अतिथि शिक्षकों को समझा-बुझाकर वापस जाने को कहा, लेकिन शिक्षकों के पीछे नहीं हटने पर पुलिस ने बल प्रयोग किया।

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि हमने लगभग 6 सालों तक विद्यालय में अपनी सेवाएं दी। अब हमारी सेवा को समाप्त कर दिया गया है। हमारी संख्या 4257 है, जब राज्य में शिक्षकों की कमी थी तब हमारी नियुक्ति की गई और अब एक झटके में बाहर कर दिया गया। हम सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने आए हैं, लेकिन पुलिस हमें ऐसा करने से रोक रही है।


बिहार में अतिथि शिक्षक पिछले 6 साल से उच्च माध्यमिक स्कूल में पढ़ा रहे थे। अब नीतीश सरकार ने गेस्ट शिक्षकों की सेवा पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग ने उन्हें सेवा मुक्त कर दिया है। 31 मार्च को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग का कहना है कि क्लास 9वीं, 10वीं के लिए 37947 और 11वीं और 12वीं के लिए 56891 उच्च माध्यमिक स्कूलों में कुल 94738 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, इसलिए अब अतिथि शिक्षक की आवश्यकता नहीं है।

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