बिहार में रोजगार मांग रहे छात्रों पर लाठी चार्ज, विधानसभा मार्च कर नीतीश सरकार को वादे याद कराने जा रहे थे

पुलिस कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए छात्रों ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार चुनाव जीतने के बाद अब अपने चुनावी वदे से पीछे भाग रही है। एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के युवाओं को 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, जिसे अब वह भूल गई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नौकरी की मांग को लेकर सोमवार को वामपंथी दलों के छात्र संगठनों ने बिहार की राजधानी पटना में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान विधानसभा मार्च कर रहे छात्रों और युवाओं पर काबू पाने के लिए पुलिस को पहले वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा और फिर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया गया।

पुलिस के मुताबिक, सबको शिक्षा और सबको रोजगार की मांग को लेकर आईसा सहित वामपंथी दलों के कई छात्र संगठनों के लोग गांधी मैदान से रैली लेकर विधानसभा का घेराव करने निकले। इसी क्रम में जे पी गोलंबर के पास पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। बैरिकेडिंग के बावजूद प्रदर्शनकारी आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे, जिस पर पुलिस से उनकी नोंकझोंक शुरू हो गई।

इसके बाद पुलिस ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने तब वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। इस पर भी जब छात्र नहीं माने तो अंत में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस बीच, जेपी गोलंबर पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस की लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। पुलिस का भी दावा है कि कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।

पुलिस कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए छात्र नेताओं ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार चुनाव जीतने के बाद अब अपने चुनावी वायदे से पीछे भाग रही है। एनडीए की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के युवाओं को 19 लाख नौकरी देने का वादा किया गया था, जिसे अब वह भूल गई है। सरकार को उसके वादे याद दिलाने के लिए आज छात्रों ने विधानसभा मार्च निकाला, जिसके साथ बर्बर व्यवहार किया गया।

वामपंथी छात्र संगठनों के नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन में शिक्षा और रोजगार का मुद्दा था, सरकार को छात्र-युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर उनसे वार्ता करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले दागे गए, पानी की बौछार की गई और युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। प्रशासन ने गांधी मैदान से निकले उनके मार्च को जेपी चैक से आगे बढ़ने तक नहीं दिया। पुलिस के लाठीचार्ज में कई युवाओं के सिर फट गए और कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।

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