लता मंगेशकर ने क्यों की संजय लीला भंसाली की राजकपूर से तुलना !
सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने फिल्मकार संदय लीला भंसाली की तुलना ‘ग्रेट शो मैन’ राज कपूर से की है। उनका कहना है कि संगीत को लेकर भंसाली की समझ एकदम राजकपूर से मिलती है।
सुर कोकिला लता मंगेशकर फिल्मकार संजय लीला भंसाली की संगीत को लेकर समझ से बहुत प्रभावित हैं। हाल में आई भंसाली की ‘पद्मावत’ के संगीत से लता मंगेशकर बेहद खुश हैं और उन्होंने इसके लिए संजय लीला भंसाली की तारीफ की है। इस फिल्म में भंसाली ने खुद ही संगीत दिया है।
मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने कहा, "मुझे हमेशा उनकी फिल्मों के संगीत अच्छे लगे हैं। इससे पहले, इस्माइल दरबारजी संगीत बनाते थे। अब भंसाली जी अपना संगीत बना रहे हैं, जो बहुत अच्छी चीज है।" लता मंगेशकर का मानना है कि किसी फिल्मकार को अपनी फिल्मों में आवश्यक संगीत की गुणवत्ता को समझने के लिए खुद संगीतकार होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "भंसाली में गुणवत्ता है। उन्हें संगीत, गीत और भारतीय शास्त्रीय विरासत और संस्कृति का गहरा ज्ञान है।" उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि भंसाली के पास संगीत की समझ है, जो राज साहब (राज कपूर) की तरह तीक्ष्ण है। राज साहब एक पूर्ण संगीतकार थे। उन्होंने तबला, हार्मोनियम और पियानो बजाया। उन्होंने गीत बनाए और पेशेवर पाश्र्वगायकों से पहले उन्हें खुद अपनी आवाज में गाया।"
लता मंगेशकर ने कहा कि, "राज कपूर अपनी फिल्मों में आसानी से खुद संगीत बना सकते थे। लेकिन, उन्होंने अपनी फिल्मों में संगीत का श्रेय लेने का निर्णय नहीं किया।" लता मंगेशकर के मुताबिक, यहां एक दूसरा फिल्मकार है, जो राज कपूर की संगीत समझ का प्रतिद्वंद्वी बन सकता है।
उन्होंने भंसाली की 'पद्मावत' के बारे में कहा कि फिल्म का 'घूमर' गीत 'घूमर' नृत्य शैली को पुनर्जीवित कर रहा है। उन्होंने कहा, "दीपिका पादुकोण का 'घूमर' नृत्य देखने के बाद दुनिया भर में लोग इस पर झूम रहे हैं।"
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