उत्तराखंड: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ा हादसा, भूस्खलन से 3 श्रद्धालुओं की मौत, 8 घायल
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े सात बजे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा के पास हुआ, जहां पहाड़ी से मलबा और भारी पत्थर नीचे गिरने लगे।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम के पैदल रास्ते पर रविवार सुबह पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में महाराष्ट्र के दो श्रद्धालु शामिल हैं।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े सात बजे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से तीन किलोमीटर आगे चीड़वासा के पास हुआ, जहां पहाड़ी से अचानक आए मलबे और भारी पत्थरों की चपेट में वहां से गुजर रहे श्रद्धालु आ गए।
रजवार के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं तथा तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया।
एसडीआरएफ के सूत्रों ने बताया कि मलबे से अब तक तीन श्रद्धालुओं के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि आठ लोगों को घायल अवस्था में निकालकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया है। तलाश अभियान अभी जारी है।
खबरों के मुताबिक, ये श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रहे थे और सुबह गौरीकुंड से पैदल चले थे। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान नागपुर (महाराष्ट्र) निवासी किशोर अरुण पराटे (31), जालना (महाराष्ट्र) निवासी सुनील महादेव काले (24) और तिलवाड़ा (रुद्रप्रयाग) के रहने वाले अनुराग बिष्ट के रूप में की गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने घटना को दुखद बताते हुए ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं शोकसंतत्प परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।
धामी ने कहा, ''घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मैं लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं। हादसे में घायल हुए लोगों को त्वरित रूप से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।''
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