बड़ा खुलासा! अयोध्या में जमकर हो रही जमीन की खरीददारी, लिस्ट में बृजभूषण के बेटे, STF चीफ से लेकर डिप्टी CM तक का नाम

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नवंबर 2019 से मार्च 2024 तक अयोध्या और आसपास के जिलों गोंडा और बस्ती के कम से कम 25 गांवों में भूमि लेनदेन की संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो मंदिर के 15 किलोमीटर के दायरे में आते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जब साल 2019 में यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को हरी झंडी मिल गई थी, तब से वहां कथित मुनाफा कमाने के लिए जमीन की जमकर खरीद फरोख्त की बात भी सामने आई थी, राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या को एक बड़े धार्मिक टूरिज्म हब के तौर पर तैयार करने का काम चल रहा है। इस वजह से यहां जमकर निवेश हो रहा है। हैरानी की बात ये है कि खरीददारों की लिस्ट में किसी और का नहीं बल्कि बड़े बड़े नेता, अधिकारी, बड़े बड़े रसूकदार और उनके करीबीयों का नाम है।

ये आरोप कई बार विपक्ष के नेताओं की ओर से भी लगाए जा चुके हैं। स्थानीय लोग भी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि जनता से अनाप सनाप रेट में जमीन को लिया जा रहा है और फिर मुनाफे के लिए महंगे रेट में बेचा भी जा रहा है। लेकिन लग रहा है कि जो आरोप लग रहे थे उसका खुलासा अब धीरे धीरे होता दिख रहा है।

अयोध्या में अरबों के भूमि घोटाले हुए हैं: अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर अयोध्या में अरबों रुपये के कथित भूमि घोटाले को लेकर अपनी बात रखी और मांग की है कि इसकी जांच की जानी चाहिए। पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक्सक्लूसिव खबर का हवाला देते हुए कहा है कि जैसे-जैसे अयोध्या की ज़मीन के सौदों का भंडाफोड़ हो रहा है, उससे ये सच सामने आ रहा है कि बीजेपी राज में अयोध्या के बाहर के लोगों ने मुनाफ़ा कमाने के लिए बड़े स्तर पर ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त की है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार द्वारा पिछले 7 सालों से सर्किल रेट न बढ़ाना, स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ एक आर्थिक षड्यंत्र है। इसकी वजह से अरबों रुपये के भूमि घोटाले हुए हैं। यहां आस्थावानों ने नहीं बल्कि भू-माफ़ियाओं ने ज़मीनें ख़रीदी हैं। इन सबसे अयोध्या-फ़ैज़ाबाद और आसपास के क्षेत्र में रहनेवालों को इसका कोई भी लाभ नहीं मिला। ग़रीबों और किसानों से औने-पौने दाम पर ज़मीन लेना, एक तरह से ज़मीन हड़पना है। हम अयोध्या में तथाकथित विकास के नाम पर हुई ‘धांधली’ और भूमि सौदों की गहन जाँच और समीक्षा की मांग करते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर में क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2019 में राम मंदिर निर्माण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर मार्च 2024 तक भूमि रजिस्ट्री को लेकर की गई रिपोर्ट से पता चलता है कि अयोध्या और आसपास के जिले गोंडा और बस्ती के कम से कम 25 गांवों में भूमि लेनदेन की संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो मंदिर के 15 किलोमीटर के दायरे में आते हैं।

इनमें से कई सौदे परिवार के सदस्यों या विभिन्न दलों के राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से करीबी तौर पर जुड़े लोगों द्वारा किए गए हैं। अयोध्या और आसपास जमीन खरीदने वालों में डिप्टी सीएम से लेकर कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं।

लिस्ट में किसका नाम?

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम का जिक्र किया है उनमें अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन के दोनों बेटे, बीजेपी के पूर्व सांसद बृज भूषण सिंह के बेटे करण भूषण, यूपी STF प्रमुख एडिशनल डीजीपी अमिताभ यश, यूपी गृह विभाग के सचिव संजीव गुप्ता, यूपी शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक अरविंद कुमार पांडे, रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर महाबल प्रसाद, एडिशनल एसपी (अलीगढ़) पलाश बंसल का नाम है।

इसके अलावा एसपी (अमेठी) अनूप कुमार सिंह, यूपी के पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी (उत्तर मध्य रेलवे) अनुराग त्रिपाठी, हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन जयदीप आर्य, यूपी बीजेपी विधायक अजय सिंह जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व विधायक और पंचायत स्तर के बीजेपी नेताओं के नाम भी इस लिस्ट में है। वहीं अडानी समेत कई उद्योगपतियों का नाम भी इस लिस्ट में है।

इन नेताओं-अधिकारियों के रिश्तेदारों ने अयोध्या में खरीदी जमीन?

  • अरुणाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम चाउना मीन: डिप्टी सीएम के बेटे चाउ कान सेंग मीन और आदित्य मीन ने सितंबर 2022 और सितंबर 2023 में 3.72 करोड़ की 3.99 हेक्टेयर जमीन खरीदी. इसमें से 0.768 हेक्टेयर जमीन को 98 लाख में पिछले साल अप्रैल में बेचा भी गया. 

  • बृजभूषण शरण सिंह: बीजेपी के पूर्व सांसद रहे बृजभूषण सिंह के बेटे करण भूषण की कंपनी नंदिनी इंफ्रास्ट्रक्चर ने राम मंदिर से 8 किमी दूर महेशपुर (गोंडा) में जनवरी 2023 में 1.15 करोड़ रुपये में 0.97 हेक्टेयर जमीन खरीदी. इसमें से 635.72 जमीन को 60.96 लाख में जुलाई 2023 में बेचा गया. 

  • यूपी पुलिस एसटीएफ प्रमुख एडिशनल डीजीपी अमिताभ यश (आईपीएस): एडिशनल डीजीपी की मां गीता सिंह ने 9.955 हेक्टेयर खेती की जमीन को फरवरी 2022 और फरवरी 2024 के बीच खरीदा. इसकी कीमत 4.04 करोड़ रुपये रही. इसमें से 0.505 हेक्टेयर जमीन को 20 लाख रुपये में बेचा भी गया. 

  • यूपी गृह विभाग सचिव संजीव गुप्ता (आईपीएस): उनकी पत्नी डॉ. चेतना गुप्ता ने 5 अगस्त, 2022 को मंदिर से 14 किमी दूर बनवीरपुर (अयोध्या) में 253 वर्ग मीटर आवासीय भूमि 35.92 लाख रुपये में खरीदी. संजीव गुप्ता ने बताया कि जमीन को अब बेच दिया गया है. 

  • यूपी शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक अरविंद कुमार पांडे: अरविंद और उनकी पत्नी ममता ने जून और अगस्त 2023 के बीच मंदिर से 7 किमी दूर शाहनवाज पुर माझा (अयोध्या) में 1,051 वर्ग मीटर आवासीय जमीन 64.57 लाख रुपये में खरीदी. भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पांडे फिलहाल निलंबित हैं.

  • रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर महाबल प्रसाद: डिप्टी चीफ इंजीनियर के बेटे अंशुल ने नवंबर 2023 में मंदिर से 7 किमी दूर एक अन्य शख्स के साथ संयुक्त रूप से 0.304 हेक्टेयर कृषि भूमि को 24 लाख रुपये में खरीदा. इसे लेकर प्रसाद ने कहा, "यह एक अविकसित क्षेत्र है, अभी तक कुछ भी योजना नहीं बनाई गई है."

  • एडिशनल एसपी (अलीगढ़) पलाश बंसल (आईपीएस): पलाश बंसल के पिता देशराज बंसल ने अप्रैल 2021 में दिल्ली के ईश्वर बंसल के साथ संयुक्त रूप से मंदिर से 15 किमी दूर राजेपुर उपरहार (अयोध्या) में 1781.03 वर्ग मीटर आवासीय भूमि 67.68 लाख रुपये में खरीदी है. 

  • एसपी (अमेठी) अनूप कुमार सिंह (आईपीएस): अनूप कुमार के रिश्तेदार शैलेन्द्र सिंह और मंजू सिंह ने संयुक्त रूप से 21 सितंबर, 2023 को मंदिर से 9 किमी दूर दुर्गागंज (गोंडा) में 4 हेक्टेयर कृषि भूमि को 20 लाख रुपये में खरीदा है. अनूप ने कहा कि उनका इस जमीन खरीददारी से कोई लेना-देना नहीं है. 

  • यूपी के पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह ( रिटायर्ड आईपीएस): यशपाल सिंह ने दिसंबर 2020 और सितंबर 2023 के बीच मंदिर से 14 किमी दूर बनवीरपुर (अयोध्या) में 0.427 हेक्टेयर कृषि भूमि और 132.7137 वर्ग मीटर आवासीय भूमि को 73 लाख रुपये में खरीदा.

  • प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी (उत्तर मध्य रेलवे) अनुराग त्रिपाठी: अनुराग के पिता मदन मोहन त्रिपाठी ने मंदिर 1.57 हेक्टेयर कृषि भूमि और 640 वर्ग मीटर आवासीय भूमि 2.33 करोड़ रुपये में खरीदी. पिछले साल उन्होंने 1.2324 हेक्टेयर भूमि विद्या गुरुकुलम एजुकेशनल ट्रस्ट को 3.98 करोड़ रुपये में ट्रांसफर करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके वे खुद ही सचिव हैं

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