महायुति की जीत में ‘लाडकी बहिन’ योजना और ध्रुवीकरण ने निभाई भूमिका, नई ऊर्जा के साथ लोगों के बीच जाएंगेः शरद पवार
सतारा जिले के कराड शहर में पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने कहा कि 'हम कई सालों से सार्वजनिक जीवन में हैं, हमें ऐसा अनुभव कभी नहीं हुआ, लेकिन अब हुआ है, हम इस पर विचार करेंगे, समझेंगे कि ऐसा क्यों हुआ और नए उत्साह के साथ लोगों के सामने जाएंगे।
महराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि ‘लाडकी बहिन’ योजना, और धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण ने महायुति की जीत में संभवत: भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे, लेकिन वह पार्टी को फिर से मजबूत करेंगे और नई पार्टी नई ऊर्जा के साथ लोगों के बीच जाएगी।
सतारा जिले के कराड शहर में पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने कहा कि 'हम कई सालों से सार्वजनिक जीवन में हैं, हमें ऐसा अनुभव कभी नहीं हुआ, लेकिन अब हुआ है, हम इस पर विचार करेंगे, समझेंगे कि ऐसा क्यों हुआ और नए उत्साह के साथ लोगों के सामने जाएंगे। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों का दौरा किया है, चाहे वह मेरी पार्टी हो, शिवसेना हो या कांग्रेस हो, सभी ने सामूहिक प्रयास किए, लेकिन परिणाम हमारे प्रयासों के अनुरूप नहीं रहे, कहीं भी समन्वय की कमी नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘लाडकी बहिन योजना और धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण ने इसमें भूमिका निभाई। महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी महाराष्ट्र में महायुति की जीत का कारण हो सकती है। हम हार के कारणों पर विचार-विमर्श करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।’’ ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह ईवीएम के बारे में तभी बोलेंगे जब उनके पास आधिकारिक आंकड़े होंगे। एक दिन पहले शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने महायुति के पक्ष में आए बड़े जनादेश के पीछे ‘‘गड़बड़ी’’ का संदेह जताया था
पवार ने कहा कि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नये नेतृत्व की नयी ऊर्जा के साथ लोगों के बीच जाएगी। साथ ही शरद पवार ने स्वीकार किया कि उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने उनकी पार्टी (एनसीपी-एसपी) से अधिक सीट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि एनसीपी की स्थापना किसने की थी।’’
शरद पवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने राजनीतिक जीवन की सबसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। उनके नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) को 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल 10 सीटें मिलीं, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। महायुति ने भारी जीत हासिल की जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 132, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। इसके विपरीत, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) 46 सीटों पर ही सिमट गया।
एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी गठबंधन ने बहुत मेहनत की, लेकिन वांछित परिणाम नहीं मिले, भले ही लोगों ने चुनाव प्रचार के दौरान एमवीए को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद एमवीए अधिक आश्वस्त था। पवार ने यह भी कहा कि और अधिक काम किए जाने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव परिणामों से हैरान रह गए, पवार ने कहा, ‘‘कल चुनाव परिणाम घोषित किए गए। आज मैं कराड में हूं। जो लोग हतोत्साहित हुए, वे घर बैठ गए होंगे।’’
शरद पवार ने यह भी कहा कि बारामती में अजित पवार के खिलाफ अपने पोते युगेंद्र पवार को मैदान में उतारना कोई गलत फैसला नहीं था, क्योंकि किसी को तो चुनाव लड़ना ही था। अजित पवार ने बारामती में युगेंद्र को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर आठवीं बार जीत हासिल की। शरद पवार ने कहा, ‘‘अजित पवार और युगेंद्र पवार की तुलना नहीं की जा सकती। हम इस तथ्य से अवगत थे।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में अजित पवार को अधिक सीटें मिलने की बात स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं, लेकिन सभी जानते हैं कि एनसीपी का संस्थापक कौन है।
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