खड़गे का पीएम मोदी पर हमला, कहा- देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बंद होना चाहिए
खड़गे ने कहा कि मोदी जी, 10 साल हो गए, आपने अपने PR का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा, पर जून 2024 के बाद अब ऐसा नहीं चलेगा, जनता अब हिसाब मांग रही है। देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बंद होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर कहा कि देश की जनता को बेरोज़गारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेल कर आपकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है। आने वाले बजट के लिए जब आप कैमरे की छाया में बैठकें कर रहें हैं, तो देश के इन मूल आर्थिक मुद्दों पर भी गौर कीजिए। आपकी नाकामियों की लिस्ट बहुत लंबी है।
उन्होंने आगे कहा कि 9.2% बेरोज़गारी दर की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर ताक रहा है। 20-24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए, बेरोजगारी दर बढ़कर 40% हो गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाजार में गंभीर संकट को उजागर करती है। किसानों की आय दोगुनी करने व लागत+50% MSP का वादा झूठा निकला है।
हाल ही में 14 ख़रीफ़ फसल के MSP पर मोदी सरकार ने फिर ये साबित कर दिया कि उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट की MSP की सिफ़ारिश को केवल चुनावी झुनझुने की तरह इस्तेमाल करना है।
उन्होंने आगे कहा कि जिन 7 PSUs में ज़्यादातर सरकारी हिस्सेदारी बेची है, उनमें 3.84 लाख सरकारी नौकरियां छिनी है! इससे SC, ST, OBC, EWS आरक्षित पदों की नौकरियां भी छिनी है। 2016 से अब तक जो आपने 20 टॉप PSUs में थोड़ी हिस्सेदारी बेची है, उसमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी नौकरियां गई है।
उन्होंने आगे कहा कि GDP के प्रतिशत के रूप में Manufacturing UPA के कार्यकाल में 16.5% से गिरकर मोदी सरकार के दौरान 14.5% हो गया है! प्राईवेट निवेश में भी पिछले 10 वर्षों में ज़बरदस्त गिरावट आई है। नई निजी निवेश योजनाएं, जो GDP का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, अप्रैल से जून के बीच 20 साल के निचले स्तर पर गिरकर केवल ₹44,300 करोड़ रह गईं। पिछले साल इस अवधि में ₹7.9 लाख करोड़ का निजी निवेश हुआ था।
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई का तांडव चरम पर है। आटा-दाल-चावल, दूध-चीनी, आलू-टमाटर-प्याज़, खाने-पीने की सभी ज़रूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। नतीजा ये है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है।आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज़्यादा है।
ग्रामीण भारत में वेतन की बढ़ोतरी नेगेटिव पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह मई में 6.3% से बढ़कर अब 9.3% हो गई है। मनरेगा में कार्यरत मज़दूरों के औसतन दिन कम हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी, 10 साल हो गए, आपने अपने PR का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा, पर जून 2024 के बाद अब ऐसा नहीं चलेगा, जनता अब हिसाब मांग रही है। देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बंद होना चाहिए।
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