जिंदा है खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू! नहीं हुई है उसकी मौत, वीडियो जारी कर फिर उगला जहर

पन्‍नू ने न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय के बाहर से एक वीडियो जारी करके कार हादसे की सभी अटकलों को खारिज किया है। उसने दावा किया है कि इस वीडियो को कल यानि 5 जुलाई को ही शूट किया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मारे जाने की खबर सोशल मीडिया पर आई थी, लेकिन इस खबर में एक और नया मोड आया है। गुरपतवंत सिंह पन्नू अभी जिंदा है। खबर यह थी कि पन्नू अमेरिका में एक सड़क हादसे में मारा गया लेकिन यह सच नहीं है। गुरपतवंत सिंह पन्नू अभी जिंदा है और उसने खुद इसकी पुष्टि की है। पन्‍नू ने न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय के बाहर से एक वीडियो जारी करके कार हादसे की सभी अटकलों को खारिज किया है। उसने दावा किया है कि इस वीडियो को कल यानि 5 जुलाई को ही शूट किया गया है। यही नहीं आतंकी पन्‍नू ने एक बार फिर से कनाडा, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों को धमकी दी है। इसके अलावा उसने कहा भारत के खिलाफ जहर उगला है।

इससे पहले खबर आई थी कि भारत में खालिस्तान आतंकवाद को हवा दे रहा पन्नू पिछले दो महीने के दौरान विदेशों में अपने कई सहयोगियों की ऐसी ही संदिग्ध पारिस्थितियों में मौत के बाद से खौफ में था और पिछले कुछ समय से अंडरग्राउंड हो गया था। उसने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर रखा था, ताकि लोकेशन ट्रेस न हो। 

मूल रूप से अमृतसर के खानकोट गांव का रहने वाला पन्नू अमेरिका में बसा हुआ था। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारत में खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा देकर देश को जलाने के मंसूबे पूरा करने में जुटा हुआ था। वह अमेरिका के अलावा इंग्लैंड और कनाडा में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगंडा फैलाता था। खालिस्तान के नाम पर वह पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहता था।


हाल ही में उसने पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़, कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा जैसे खालिस्तान समर्थक अपने साथियों की हत्या के लिए अमेरिका और कनाडा में भारतीय दूतावास के अफसरों और भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो जारी किया था। 30 जून के वीडियो में उसने 8 जुलाई से भारतीय दूतावासों को घेरने की धमकी दी थी और इसके अगले ही दिन यानी 1 जुलाई की रात को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास में आग लगाने की कोशिश की गई।

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