केरलः विजयन की नई टीम से शैलजा बाहर, पर दामाद रियाज को मिला मंत्री पद

विजयन के संभावित कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर शैलजा ने कहा कि वह एक अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता हैं और पार्टी के फैसले का पालन करेंगी। इस बीच चर्चा है कि सीपीएम के राष्ट्रीय नेतृत्व ने शैलजा को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सीपीएम के वरिष्ठ नेता पिनराई विजयन मंगलवार को पार्टी विधायक दल के नेता चुन लिए गए। इसी के साथ उनका लगातार दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री बनना तय हो गया है। इस बीच विजयन के नए कैबिनेट के संभावित नामों की चर्चा शुरू हो गई है। जिसे लेकर कहा जा रहा है कि विजयन के नए कैबिनेट में कोरोना महामारी के प्रबंधन के लिए देश और दुनिया में प्रशंसित राज्य की स्वास्थ्य मंत्री रहीं के.के. शैलजा को जगह नहीं मिली है। खास बात ये है कि विजयन ने अपने नए मंत्रिमंडल में अपने दामाद पी.ए. मोहम्मद रियाज को मंत्री पद दिया है।

सीएम पिनाराई विजयन की नई कैबिनेट को लेकर जो खबरें सामने आई हैं, उनके अनुसार 21 सदस्यीय कैबिनेट में सीपीएम के 12, सीपीआई के चार, केरल कांग्रेस (एम), एनसीपी और जनता दल (एस) के एक-एक और दो अन्य सहयोगी दलों से एक-एक सदस्य शामिल हैं। इनमें से सभी दलों के एक विधायक है। एलडीएफ में शामिल लोकतांत्रिक जनता दल एकमात्र ऐसा सहयोगी दल है, जिसे कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।


खबरों के अनुसार विजयन के नए मंत्रिमंडल में पूर्व राज्यसभा सदस्य पी. राजीव और के.एन. बालगोपाल, महिलाओं में प्रोफेसर आर. बिंदु जो सीपीएम सचिव ए. विजयराघवन की पत्नी हैं। इनके अलावा पत्रकार और दूसरी बार विधायक बनीं वीना जॉर्ज शामिल हैं। अन्य मंत्रियों में विजयन के सबसे करीबी सहयोगी एम. गोविंदन शामिल हैं। पूर्व राज्यमंत्री साजी चेरियन और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के. राधाकृष्णन भी मंत्री बनाए गए हैं जो आरक्षित त्रिशूर से चुने गए हैं। वी. शिवनकुट्टी को भी मंत्री पद दिया जाना तय था, क्योंकि उन्होंने राज्य की राजधानी की नेमोम सीट पर बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार कुम्मनम राजशेखरन को हराया है।

इनके अलावा मंत्रिमंडल में वी. अब्दुररहमान को भी शामिल किया गया है जो मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले से हैं। हालांकि उनकी पार्टी नेशनल सेक्युलर कांफ्रेंस गठबंधन में शामिल नहीं है, बल्कि उसे सीपीएम का समर्थन प्राप्त है। सीपीएम के एक अन्य नेता वी.एन. वसावन को भी मंत्री पद दिया गया है, जो विजयन के वफादार माने जाते हैं। दो बार के लोकसभा सदस्य एम.बी. राजेश जो पलक्कड़ से 2019 का चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव जीते हैं, उन्हें सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है।


इस बीच विजयन के नए मंत्रिमंडल की घोषणा पार्टी में और इसके बाहर कई लोगों के लिए एक झटके के रूप में आई है। हालांकि, मंत्री पद न मिलने पर शैलजा ने कहा कि वह एक अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता हैं और पार्टी के फैसले का पालन करेंगी। इस बीच खबरें सामने आई हैं कि सीपीएम के राष्ट्रीय नेतृत्व ने शैलजा को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है।

बहरहाल विजयन कैबिनेट के सभी नाम अपेक्षित बताए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि चुनाव के लिए केवल एक ही मानदंड था और वह था विजयन के प्रति अडिग निष्ठा। कहा जा रहा है कि विजयन ने सीपीएम और सरकार में 'अंतिम शब्द' होने की अपनी शैली के अनुरूप कैबिनेट तय किया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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