केरल बाढ़: सेना की वर्दी में केरल सरकार को बदनाम करने की साजिश, संघ ने नई बता जारी कर दीं 2012 की तस्वीरें
केरल में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 400 के पास पहुंच चुका है, और 7 लाख से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों में भेजना पड़ा है। लेकिन केरल सरकार के सामने एक और बड़ी चुनौती है, और वह है फेक न्यूज़ से निपटना।
अभी रविवार को भारतीय सेना के जन सूचना विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ने एक चेतावनी जारी की। इस चेतावनी के साथ उन्होंने एक फोटो भी शेयर किया। फोटो में एक व्यक्ति सेना की वर्दी में है और वीडियो संदेश में केरल में चल रहे राहत और बचाव अभियान के बारे में बेहद भ्रामक बातें कर रहा है। एडीजी ने एक ट्वीट कर बताया कि यह शख्स केरल में जारी राहत अभियान के बारे में गलत जानकारियां फैला रहा है। यह सेना का व्यक्ति नहीं है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि अगर सेना के बारे में किसी भी किस्म की कोई सूचना मिलती है तो वे इसकी जानकारी सेना को दें। उन्होंने ट्वीट में सेना का व्हाट्सऐफ नंबर भी शेयर किया।
दरअसल केरल में जारी राहत अभियान के बीच ही एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा था। इस वीडियो में एक व्यक्ति सेना की वर्दी में दावा कर रहा है कि केरल सरकार सेना के साथ बुरा सुलूक कर रही है। वीडियो में यह व्यक्ति कहता है कि, “मैं केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से मुखातिब हूं। आपको भारतीय सेना से इतनी दुश्मनी क्यों है?” यह व्यक्ति ये सारी बातें मलयालम भाषा में कह रहा है। वीडियो में वह आगे कहता है कि, “चेंगानूर में हजारों लोग फंसे हुए हैं और सरकार उनकी मदद नहीं करने दे रही है। हमें हमारा काम करने दो, घबराओ मत, हम आपके राज्य पर कब्जा करने नहीं आए हैं।”
करीब 2 मिनट 30 सेकेंड का यह वीडियो शनिवार को सामने आया। इसे सबसे पहले भारतीय महिला मोर्चा थलासेरी मंडलम नाम के पेज पर पोस्ट किया गया। द हिंदू अखबार में छपी खबर के मुताबिक देखते-देखते इस वीडियो को 28 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया।
आल्ट न्यूज़ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि आरएसएस के अधिकारिक फेसबुक पेज पर विभिन्न तस्वीरें पोस्ट कर दान की अपील की गई है। दावा किया गया है कि ये तस्वीरें संघ के संगठन सेवा भारती के उन कार्यकर्ताओं की हैं, जो केरल में बाढ़ प्रभावितों की मदद कर रहे हैं। इन्हीं तस्वीरों में एक तस्वीर ऐसी भी है जिसमें एक रिपोर्टर कुछ ऐसे लोगों को दिखा रहा है जो संघ की यूनीफार्म पहने हैं। इन तस्वीरों में संघ की पुरानी यूनीफार्म है, जिसमें सफेद कमीज और खाकी निकर पहना जाता था।
दरअसल ये तस्वीर इस साल यानी 2018 में केरल में आई बाढ़ की नहीं है, बल्कि 2012 में आई बाढ़ की है। और इस तस्वीर को इसी रिपोर्टर ने ही 2012 में शेयर किया था।
लेकिन सिर्फ यही एक पुरानी तस्वीर नहीं है, जिससे भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। सोशल मीडिया में और भी काफी तस्वीरें वायरल की जा रही हैं। कुछ के साथ तो लिखा जा रहा है कि, “लगता है केरल सभी आरएसएस आतंकियों को नहीं मार सका। इनमें से कुछ अब भी जीवित हैं और केरल के बाढ़ प्रभावित गरीबों को लूट रहे हैं।” इस तस्वीर को भी कम से कम डेढ़ हजार बार शेयर किया गया। इस तस्वीर को शेयर करने वालों में कर्नाटक के बीजेपी विधायक सी टी रवि भी हैं।
आल्ट न्यूज़ के मुताबिक ये तस्वीरें असल में पिछले साल गुजरात में आई बाढ़ की हैं, न कि केरल की। एक ट्वीटर यूजर ने तो इसी तस्वीर को गुजरात की 2017 की बाढ़ के दौरान इस्तेमाल किए जाने की बात कही है।
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