केरल बाढ़: 35 तक पहुंची मृतकों की संख्या, कांग्रेस का आरोप- चेतावनियों पर कार्रवाई करने में विफल रही राज्य सरकार
केरल में बाढ़ और भारी बारिश में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंचने के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने सोमवार को पिनाराई विजयन सरकार पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
केरल में बाढ़ और भारी बारिश में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंचने के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने सोमवार को पिनाराई विजयन सरकार पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। हालांकि, सरकार ने आरोपों से इनकार किया है। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन, जिन्होंने रविवार को इडुक्की और कोट्टायम जिलों में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि आईएमडी की चेतावनी के बावजूद, राज्य सरकार कार्रवाई करने में विफल क्यों रही?
'चेतावनियों पर कार्रवाई करने में विफल रही राज्य सरकार'
सतीसन ने कहा, "जानना चाहते हैं कि क्यों और क्या हुआ और अब यह साबित हो गया है कि राज्य सरकार चेतावनियों पर कार्रवाई करने में विफल रही। हमें बताया गया है कि सरकारी अधिकारियों की टीम को बचाव कार्य करने के लिए पुरुषों और सामग्री के साथ कुछ स्थानों पर पहुंचने में कई घंटे लग गए। हम इस पर जवाब चाहते हैं।"
राजस्व मंत्री बोले- राज्य सरकार की ओर से नहीं हुई कोई गलती
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने हालांकि कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोई गलती नहीं हुई है। राजन ने कहा, "हम रिपोर्टों पर भरोसा करते हैं और केंद्र के आधार पर कार्य करते हैं और हमने वही किया है। राज्य के कठिन समय से गुजरने पर सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में विपक्ष
इस बीच, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बाढ़ और राज्य में भरे हुए बांधों को खोलने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। बुधवार को जब विधानसभा का सत्र दोबारा शुरू होगा तब विपक्ष इस मुद्दे को सदन में उठाने वाला है।
इस बीच, लगभग 4,000 लोग अब राज्य के इडुक्की, कोट्टायम, पथानामथिट्टा और अलाप्पुझा जिलों में खोले गए विभिन्न शिविरों में रह रहे हैं। ताजा मौसम पूवार्नुमान, जो अब सामने आया है, उसमें बुधवार से राज्य में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। बुधवार को जब विधानसभा का सत्र दोबारा शुरू होगा तो विपक्ष इस मुद्दे को सदन में उठाने जा रहा है.
राहत शिविरों में रह रहे 4,000 से ज्यादा लोग
इस बीच, लगभग 4,000 लोग अब राज्य के इडुक्की, कोट्टायम, पथानामथिट्टा और अलाप्पुझा जिलों में खोले गए विभिन्न शिविरों में रह रहे हैं।यह सब 2018 में सदी की सबसे बड़ी बाढ़ के साथ शुरू हुआ और तब से हर साल केरल में भारी बारिश और अचानक बाढ़ आई है।
यह सब 2018 में सदी की सबसे बड़ी बाढ़ के साथ शुरू हुआ और तब से हर साल केरल में भारी बारिश और अचानक बाढ़ आई है। इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित कोट्टायम और इडुक्की जिले रहे हैं और हालांकि शनिवार शाम से बारिश धीमी हो गई है और सोमवार की सुबह अधिकारियों ने राज्य के 14 में से आठ जिलों में अलर्ट जारी किया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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